शाहनवाज हुसैन पर चलेगा रेप का केस सुप्रीम कोर्ट से भाजपा नेता को नहीं मिली राहत

संवाददाता जमुई बिहार।चुन्ना कुमार दुबे

जमुई बिहार। बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उनपर अब रेप का केस चलेगा।श्री हुसैन पर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में भाजपा नेता को राहत देने से इंकार कर दिया है।सर्वविदित है कि पिछले साल दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोप लगाने वाली महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि दिल्ली पुलिस शाहनवाज के खिलाफ रेप का केस दर्ज कर कार्रवाई करे। हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ शाहनवाज हुसैन सुप्रीम कोर्ट गये थे।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर तात्कालिक तौर पर स्टे लगा दिया था। लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है जिसमें शाहनवाज को राहत देने से उसने इंकार कर दिया।सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने से इंकार कर दिया।यानि दिल्ली पुलिस को शाहनवाज हुसैन के खिलाफ अब रेप का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू करनी होगी।दरअसल 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट ने भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ रेप का एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया थ।शाहनवाज पर 2018 में ही एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था। महिला ने जून 2018 को पहली बार शिकायत दर्ज करायी थी। चार साल बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद शाहनवाज हुसैन सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये।
महिला ने आरोप लगाया था कि बीजेपी नेता ने 2018 के अप्रैल में उसे अपने छतरपुर स्थित फार्महाउस पर बुलाया था। वहां कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिला दिया जिससे वह अचेत हो गयी। महिला ने आरोप लगाया कि नशे की हालत में उसके साथ दुष्कर्म किया गया।आरोप लगाने वाली महिला ने शाहनवाज हुसैन के खिलाफ आईपीसी की धारा 376.धारा 328.धारा 120बी.धारा 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दिया तब।नामित महिला ने दिल्ली के मेट्रोपोलिटन कोर्ट के सामने सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत आवेदन दायर कर दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की थी। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने इस मामले में चार जुलाई 2018 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने रिपोर्ट दायर किया था।दिल्ली पुलिस का कहना था कि जांच में महिला की ओर से लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाई है।लेकिन दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने एफआईआर का निर्देश दिया था।इसके बाद शाहनवाज हुसैने ने दिल्ली हाईकोर्ट मे अर्जी लगायी। हाईकोर्ट ने13जुलाई 2022 को निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दिया थ।हाईकोर्ट में श्री हुसैन के वकील ने कहा था कि भाजपा नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का फैसला पूरी तरह गलत है , क्योंकि शिकायतकर्ता और शाहनवाज के भाई के बीच कुछ विवाद ह।इसी विवाद में शाहनवाज को भी घसीटा जा रहा है। वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता ने जिस तारीख और समय में रेप होने का आरोप लगाया है उस दिन भाजपा नेता रात 09:15 बजे तक घर से नहीं निकले थे तो10.30बजे तक छतरपुर कैसे पहुंच सकते हैं। इस मामले में शिकायत करने वाली महिला का कॉल डिटेल रिकॉर्ड सीडीआर पेश कर कहा गया कि महिला भी रात 10.45 तक द्वारका में थी तो 10.30 में छतरपुर में उसके साथ रेप कैसे हो गया।इसके बावजूद भी शाहनवाज हुसैन को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली।हईकोर्ट ने कहा कि पुलिस कमिश्नर को महिला की ओर से जो शिकायत भेजी गई है वह एक संज्ञेय अपराध की गंभीरता को दर्शाता है।हाईकोर्ट ने कहा था कि मामले में पुलिस एसएचओ को शिकायत मिलते ही एफआईआर दायर करनी चाहिए थी। दिल्ली हाईकोर्ट की जज जस्टिस आशा मेनन ने पुलिस को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही दिखायी। हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया था कि वह मामले की एफआईआर दर्ज करे और जांच पूरी होने के बाद उसे सीआरपीसी की धारा 173 के तहत तीन महीने के अंदर निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट पेश करे।शाहनवाज हुसैन ने दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि शाहनवाज का 30 साल लंबा राजनीतिक करियर रहा है और एफआईआर दर्ज होने से उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शाहनवाज हुसैन को राहत देने से इंकार कर दिया। लिहाजा दिल्ली पुलिस को शाहनवाज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच पड़ताल करनी होगी।

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