*केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा अपनी धर्म पत्नी मीरा मुंडा संग माँ दामादिरी के दरबार पहुंच कर की जगत कल्याण हेतु प्रार्थना ।
*खरसावां समेत जिलेभर से जुटे श्रद्धालु,की मा दमादिरी की पूजा अर्चना
सरायकेला :: सम्पूर्ण राज्य में जारी सामाजिक सोहाद्र का प्रतीक मकर पर्व एवं सामाजिक मान मर्यादा सह नारी सम्मान रक्षा का प्रतीक टुसु पूजन पर्व के बीच खरसावां प्रखंड अंतर्गत माँ दामादिरी का दरबार भक्ति व आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।मकर संक्रांति के दूसरे दिन रविवार को पवित्र आखान यात्रा पर मा दामादिरी के दरबार में पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
मां दामादिरी पूजा कमिटी के तत्वाधान में मा दामादिरी की पूजा अर्चना एवं मेला का सफल संचालन किया गया। खरसावां समेत जिलेभर से श्रद्धालु मा दमादिरी के पूजा अर्चना हेतु जुटे थे।पूजा व प्रबंधन समिति के सदस्य सह मा दामादिरी सेवक सुमंत चंद्र मोहन्ती ने बताया कि झारखंड के जनमानस प्रकृति पूजक व उपासक हैं अपनी अटूट भक्ति व आस्था को लेकर सदियों से मां दामादिरी की विधिवत पूजा अर्चना की जा रही है ।माँ की पूजा अर्चना नायां के द्वारा की जाती है।श्री मोहन्ती ने आगे कहा कि गांव में कोई भी विपत्ति आती है तो हम सभी मा दामादिरी के दरबार मे पहुंचकर श्रद्धा भाव से विपत्ति से मुक्ति हेतु प्रार्थना करते हैं ,माँ की कृपा जगत के समस्त प्राणियों के ऊपर सदा रहती है। इस पावन अवसर पर स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा अपनी धर्म पत्नी मीरा मुंडा के साथ माता के दरबार पहुंचे एवं पूजा अर्चना कर जगत कल्याण के लिए मा के चरणों मे प्रार्थना की। मा के दरबार मे भक्तों का जन सैलाब उमडा रहा मा दामादिरी के जयकारे से क्षेत्र भक्तिमय हो गया।बच्चे बुजुर्ग जवान सभी माँ के दरबार मे पूजा अर्चना हेतु पूजा सामग्री लिए कतार में खड़े दिखे एवम नम्बर आने पर पूजा कर सुख समृद्धि की प्रार्थना की। साथ ही समिति द्वारा मेला एवं विभिन्न तरह के खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया एवं प्रतियोगिता में अव्वल प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को उपस्थित अतिथियों के हाथों पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया।साथ ही मेले में विभिन्न तरह के दुकाने यथा खिलौने, सौंदर्य प्रसाधन,हलवाई आदि की दुकानें लगाई गई थी जिसका उपस्थित सभी वर्गों के लोगों ने लुत्फ उठाया। उक्त पूजा व मेले के सफल आयोजन हेतु पूजा व प्रबंधन कमेटी के सदस्यों एवं स्थानीय प्रशासन का सार्थक सहयोग रहा।