विष्णु चरण का 56 प्रकार के मिठाइयों और फूलों से हुआ अलौकिक श्रृंगार
गया। वैष्णव तीर्थों में सर्व प्रधान ‘विष्णुपद’ है। जहां गर्भगृह में नित्य दिन भगवान विष्णु के चरण का अलौकिक श्रृंगार किया जाता है। धर्मशिला में विष्णु चरण पादुका का मलयागिरी चंदन और रोली से कलात्मक तरीके से रात्रि में श्रृंगार का कार्य शुरू हो जाता है। गयापाल युवा की टोली श्रद्धा एवं भक्ति भाव के साथ श्रृंगार की प्रक्रिया करते हैं। जिसमें इन्हें दो घंटे का समय लग जाता हैं।कभी फूलों से तो कभी फल से।कभी मिष्ठान से तो कभी ड्राई फूड से। तो कभी प्रभु के प्रिय तुलसी तो कभी मोर पंखों से तो कभी शंख और पुखराज से तो कभी रंग और अबीर से प्रभु के चरणों का श्रृंगार हो रहा है। प्रत्येक मास की पूर्णिमा को भी विशेष श्रृंगार किया जाता है। इसमें श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।राम विवाह महोत्सव के तीसरे दिन मंगलवार की देर रात भगवान विष्णु के दिव्य चरण को कई तरह के रंग-बिरंगे मधुर मिष्ठानो से कलात्मक तरीके से सजाकर अलौकिक श्रृंगार किया गया। 13 इंच लंबे चरण पादुका को काजू कलश,लौकी लड्डू, खोवा के लड्डू, केसरिया पेड़ा,खीर कदम कोकोनट संतरा, झरूआ लड्डू, नारियल लड्डू,पतीसा रॉल जैसे 56 प्रकार के मिठाइयों, जूही, स्वर्ण चंपा और गेंदे के फूलों से आकर्षक मनमोहक तरीके से सजाकर श्रृंगार हुआ। श्रृंगार देख भक्तों के मन प्रफुल्लित हो गए और उनके चेहरे पर एक मुस्कान दिखाई दी।अष्टकोण के परिधि को गेंदा के फूलों से रंगोली बनाई गई। इसके उपरांत पूरे वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विष्णु स्रोत पाठ के साथ घंटे-घंटाल और शंख ध्वनि के बीच आरती की गई।भगवान को धूप, दीप, कपूर से आरती कर भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया। इस बीच पूरा प्रांगण भक्ति से ओतप्रोत हो गया हू। इस मौके पर उपस्थित गया पाल पंडा मणिलाल बारीक ने बतलाया की बीते कई वर्षों से विष्णुपद में श्रृंगार हो रहा है, जिसने गया पाल युवाओं की सराहनीय भूमिका रहती है। इन युवाओं के मेहनत का फलीभूत है कि आज श्रृंगार की तस्वीरें पूरे देश दुनिया में सोशल साइट और अन्य माध्यमों से भक्तो तक सर्व सुलभ तरीके से पहुंच रहे हैं। जहां लोग घर बैठे दर्शन कर रहे हैं। प्रतिदिन श्रृंगार होने से भक्तगण भगवान विष्णु का दर्शन करने आते हैं। श्रृंगार देखकर भक्तों के मन प्रफुल्लित हो जाते हैं। बताते चलें कि विष्णु चरण के स्पर्श मात्र से ही पितरों को मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है