करोड़ो रूपए की दवा और उपकरण खरीद घोटाले का मुख्य अभियुक्त पूर्व सिविल सर्जन बालूमाथ से गिरफ्तार

0 Comments

सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका कर दी थी खारिज, वर्षों से चल रहे थे फरार

सत्येंद्र कुमारमित्तल

सत्येंद्र कुमार
चतरा। पूर्व सिविल सर्जन डॉ. अमरनाथ प्रसाद को लातेहार जिले के बालूमाथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से चतरा सदर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। डॉ प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2013 में चतरा सिविल सर्जन के पद पर रहते हुए सरकारी नियमो के विरुद्ध एक करोड़ 21 लाख 80 हजार 995 रुपए का लोकल मेड जेनेरेटर सेट, एयरकंडीशनर एवं दवाइयों का खरीदारी किया था। तात्कालीन उपायुक्त मनोज कुमार के निर्देश पर जांच के उपरांत प्रथम दृष्टया में मामला सत्य पाया गया था। जिसके बाद तात्कालीन सिविल सर्जन बिनोद कुमार उरांव ने अमरनाथ प्रसाद के विरुद्ध चतरा सदर थाना में कांड संख्या 143/2013 दर्ज कराया था। जिसके बाद से वे लगातार फरार चल रहे थे। इस मामले में चतरा सीजेएम की अदालत में चल रहे केस को लेकर डॉ प्रसाद की अग्रिम जमानत की याचिका हाइकोर्ट ने 2 सितंबर 2015 को खारिज कर दी थी। करोडो रुपए के घोटाले का मुख्य आरोपी होने के बावजूद अमरनाथ प्रसाद को वर्ष 2015 में लातेहार जिले के बालूमाथ प्रखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बना दिया गया। हैरत की बात यह रही कि डॉ अमरनाथ प्रसाद पुलिस और अदालत की नजरों में फरार होने के वावजूद पिछले चार वर्षों तक बालूमाथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महत्वपूर्ण पद पर अपनी सेवा देते रहे। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की किरकिरी होता देख लातेहार जिले के तात्कालीन सिविल सर्जन डॉ एसपी शर्मा ने डेढ़ वर्ष पूर्व डॉ. अमरनाथ प्रसाद को बालूमाथ पीएचसी प्रभारी से हटाकर उनके स्थान पर अशोक गुड़िया को प्रभारी बनाया था। तब से अमरनाथ प्रसाद बालूमाथ पीएचसी में सामान्य चिकित्सक के रूप में कार्य कर रहे थे। इस संबंध में अमरनाथ प्रसाद ने जेल भेजे जाने वक्त मीडिया से बताया कि उनके उपर लगा आरोप बिल्कुल बेबुनियाद और निराधार है। सभी दवाइयां और उपकरण मानक के अनुरूप खरीदी गई थी। उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया गया है।

चर्चित दवा एवं अन्य उपकरण खरीद घोटाला मामला में चतरा एसपी ऋषव झा ने बताया कि आरोपी के विरुद्ध चतरा सदर थाना में मामला दर्ज था। वह वर्षों से फरार चल रहे थे। इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट ने भी आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। तब से वह फरार चल रहे थे। उनकी गिरफ्तारी के लिए एसडीपीओ अविनाश कुमार की नेतृत्व में एक टीम गठित किया था। जिसमे एसआई रूपेश कुमार यादव एवं एएसआई शशि ठाकुर शामिल थे। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए श्री प्रसाद को बालूमाथ थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर चतरा सदर थाना लाया गया। जहां से मंगलवार को उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत कर कोविड-19 जांच के बाद जेल भेज दिया गया।

Categories:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *