धनबाद।झरिया।असलमअंसारी| बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं राजद के वरिष्ठ नेता रमई राम का निधन हो गया। वह बीमार चल रहे थे। पिछले कुछ दिनों से पटना के मेदांता अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थे। रमई राम लालू प्रसाद, राबड़ी देवी एवं नीतीश कुमार की सरकार में अलग अलग पांच बार कई विभागों की जिम्मेवारी संभाल चुके थे। नौ बार विधायक रहे। तीन बार राजद के टिकट, एक बार जदयू के टिकट, दो बार जनता दल के टिकट और इसके अलावा तीन अन्य दलों के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतते रहे, लेकिन वर्ष 2015 और 2020 में लगातार दो बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। 2015 में निर्दलीय प्रत्याशी बेबी कुमारी ने इन्हें पटखनी दी तो 2020 में वीआइपी के मुसाफिर पासवान से इनकी पुत्री गीता कुमारी हार गईं.बोचहां को उनका किला कहा जाता था। बोचहां विधानसभा क्षेत्र का सर्वाधिक समय तक प्रतिनिधित्व करने वाले रमई राम ने पिछले उपचुनाव में बेटी गीता देवी को वीआइपी का उम्मीदवार बनाया था। वर्ष 1944 में जन्मे रमई राम लंबे समय तक राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रहे। उनके निधन पर शोक की लहर है|