प्रखंड मेगा केसीसी ऋण वितरण समारोह में बोले अपर उपायुक्त,ऋण वापस कर बैंकों के साथ बनाएं साख

गम्हरिया। अपर उपायुक्त सुबोध कुमार ने कहा कि किसानों के विकास से ही राज्य की प्रगति संभव है। छोटे एवं मंझोले किसानों के उत्थान के लिए सरकार के साथ बैंकों की भी अग्रणी भूमिका होना चाहिए। किंतु एक दुखद पहलू यह भी है कि कई बैंकों की उदासीनता से किसानों को उचित सहयोग नहीं मिल पा रहा है। गुरुवार को प्रखंड मुख्यालय में आयोजित केसीसी ऋण वितरण शिविर के उदघाटन समारोह को संबोधित करते हुए एडीसी ने किसानों को बैंकों से बेहतर तालमेल रखने की अपील की। कहा कि ऋण लेकर वापस नहीं झरने की शिकायत मिलती है। कृषि के विकास के लिए ऋण लेकर उसे वापस जरूर करें। इससे बैंकों के साथ साख बनी रहेगी। आपको जब भी ऋण की जरूरत पड़ेगी, बैंक आपके दरवाजे पर दस्तक देकर मदद करेगी

किसानों के विकास का यह बेहतर कदम

इस अवसर पर 20 सूत्री अध्यक्ष छाया कांत गोराई ने कहा कि किसान मेगा केसीसी ऋण शिविर का लाभ उठाएं। सरकार की ओर से पूरे राज्य में एकसाथ लाखों किसानों को यह सुविधा प्रदान कर रही है। कृषि के विकास में सरकार का यह उत्कृष्ट कदम है। इस अवसर पर प्रखंड प्रमुख अनिता टुडू, बीडीओ मारुति मिंज, सीओ मनोज कुमार, कृषि सलाहकार समिति के अध्यक्ष सोखेन हेम्ब्रम, 20 सूत्री सदस्य राम हांसदा समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया। इस अवसर पर विभिन्न बैंको के माध्यम से 21 पंचायतों के 752 किसानों के बीच 3 करोड़ 53 लाख 45 हजार की राशि का वितरण किया गया। शिविर में कुल 1065 आवेदन प्राप्त किये गए। कार्यक्रम का संचालन एलईओ विमोला तिर्की ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन 20 सूत्री उपाध्यक्ष राम हांसदा ने किया। इस अवसर पर पशुपालन पदाधिकारी डॉ. ज्योतिंद्र कुमार, जेएसएस दयानंद प्रसाद, बीपीआरओ मनोज झा, बीटीएम अंतिमा कुमारी, उप प्रमुख क़याम हुसैन, बीटी दास समेत काफी संख्या में किसान उपस्थित थे।

लक्ष्य से पीछे रहनेवाले बैंकों की खिंचाई

केसीसी ऋण के लिए प्रखंड को तीन हजार का लक्ष्य उपायुक्त की ओर से दिया गया था। किंतु बैंकों की उदासीनता के कारण मात्र 752 किसानों को ही केसीसी की राशि मिल पायी। बैंको की केसीसी में पूवर परफॉर्मेंस को देखते हुए
अपर उपायुक्त ने जमकर खिंचाई की। कहा कि जिले की बैंक ऑफ इंडिया जिले की अग्रणी बैंक होने के बावजूद चार ब्रांच को मिलाकर मात्र 68 किसानों को ऋण प्रदान किया, जबकि झारखंड ग्रामीण बैंक के दो शाखाओं ने मिलकर 645 किसानों को ऋण प्रदान किया गया है। अन्य बैंको की स्थिति इस प्रकार है।
झारखंड ग्रामीण बैंक की सिनी शाखा 15, बैंक ऑफ इंडिया, कांड्रा 29, बैंक ऑफ इंडिया आसंगी 3, ग्रामीण बैंक, बाँधडीह 508, पंजाब नेशनल बैंक, कांड्रा-19, बैंक ऑफ इंडिया, गौरंगडीह 23, यूको बैंक, गम्हरिया 3, बैंक ऑफ इंडिया, कोलाबीरा 10, ग्रामीण बैंक, महुलडीह 137 और बैंक ऑफ इंडिया छोटा गम्हरिया 3 किसानों का आवेदन निष्पादित करते हुए ऋण प्रदान किया है। इसमें कई बैंकों ने तो रुचि ही नहीं दिखाई।

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