सरायकेला | जिला कुष्ठ परामर्शी (पूर्वी सिंहभूम) डॉ राजीव लोचन महतो ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत डी0एन0टी टीम तथा डेमियन फाउंडेशन के सहयोग से कुष्ठ रोग से ग्रसित हो कर दिव्यांग हो चुके 2 मरीजों को रिकन्सट्रकटिभ सर्जरी के लिए आर0सी0एस केन्द्र,आमदा राजखरसावां के लिए रेफर किया गया।डॉ0 महतो-ने बताया कि कुष्ठ रोगियों की शीघ्र पहचान कर इलाज कराने से दिव्यांगता से बचाया जा सकता हैं।उन्होंने कहा की अगर पंजे और उंगलियों में कमजोरी, आंख बंद करने में परेशानी, शरीर में सुन्नपन, दाग, दाग में लालपन या सूजन, तंत्रिकाओं में मोटापन एवं झनझनाहट जैसे कोई भी या चिन्ह शरीर में दिखाई दें तो तुरंत जांच कराना आवश्यक है।उन्होंने जागरूकता फैलाते हुए कहा कि
कुष्ठ रोगियों से भी समान्य रोगी जैसा व्यवहार करने तथा नियमित रूप से एमडीटी दवा का सेवन करने से यह बिल्कुल ठीक हो सकता है।उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग छुने से नहीं फैलता है और न यह पिछले जन्म का पाप से कोई संबंध है।इसका ईलाज सभी सरकारी स्वास्थ केन्द्रों में निशुल्क है तथा दवा एवं परामर्श भी नि:शुल्क उपलब्ध हैं।साथ ही कायचिकित्सक राज कुमार मिश्रा ने कुष्ठ रोग से दिव्यांग हुए मरीजों को सेल्फ केयर करवाया तथा सेल्फ केयर के महत्व की जानकारी दी। कुष्ठ रोगियों को गर्म चीजों को हाथों से न पकड़ने तथा ठण्डे मे आग सेकने मे सावधानी बरतने को बोला गया। डेमियन फाउंडेशन के जिला समन्वयक कामदेव बेसरा द्वारा रिकन्सट्रक्टिभ सर्जरी के बारे में बताया गया। इस सर्जरी के द्वारा कुष्ठ रोगियों के हाथ, पैर तथा आँखों की दिव्यांगता को दूर किया जाता है।मौके पर जिला कुष्ठ परामर्शी डॉ0 राजीव लोचन महतो,कायचिकित्सक राज कुमार मिश्रा, डेमियन फाउंडेशन के कामदेव बेसरा , दुर्योधन बागती एवं अन्य उपस्थित रहे