एमएलसी चुनाव में पहली बार करीब सवा लाख पंच और सरपंच भी कर सकेंगे मतदान

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जमुई/ बिहार/ संवाददाता/चुन्ना कुमार दुबे/ बिहार की मांग को केंद्र से मिली मंजूरी , लेकिन अभी एक बाधा पार करना बाकि बिहार विधान परिषद चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों के नाम जारी कर दिए हैं। नामांकन की तैयारी की जा रही है। इस सबके बीच चुनाव को लेकर एक और बड़ी खबर सामने आ गई है। चुनाव में पहली बार मुखिया के साथ करीब सवा लाख पंच और सरपंच भी एमएलसी चुनने में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। कुछ दिन पहले बिहार सरकार ने इससे सम्बंधित प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा था। अब बिहार सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है। इसके बाद पंचों और सरपंचों को वोट देने का अधिकार मिल गया है। 
केंद्र सरकार के बाद अब इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए चुनाव आयोग के पास भेजा जाएगा। पंच – सरपंच को वोटर बनाने की कानूनी प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग की सहमति जरुरी है। पंचायती राज विभाग ने इसके मद्देनजर पंचों और सरपंचों को भी वोटर बनाने के लिए अब प्रदेश के निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेजने की कार्रवाई शुरु कर दी है। आयोग की सहमति मिलते ही वर्षों से वोटर बनाने के लिये संघर्ष कर रहे राज्य के करीब सवा लाख पंचों और सरपंचों को न्याय मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
उधर पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ग्राम कचहरी सदस्यों को भी स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में वोटर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। विभाग राज्य निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेज जा रहा है।
इसके पहले राज्य सरकार ने पंचों और सरपंचों को वोटर बनाने के लिए केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था। प्रदेश के पंचायती राज विभाग के सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय को राज्य सरकार के इस प्रस्ताव पर किसी तरह की आपत्ति नही है।
पंच – सरपंच के राज्य स्तरीय संघ बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ कई सालों से मताधिकार के लिए लड़ाई लड़ता रहा है। संघ का तर्क है कि स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में केवल ग्राम कचहरी के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को ही अब तक वोटर से वंचित रखा गया है। 2009 में पहली बार अविभाजित बिहार के सभी 56 सांसदों ने पहली बार इस दिशा में मांग उठाई थी। तत्कालीन राज्य के मुख्य सचिव अनुप मुखर्जी ने केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय को पत्र लिख वोटर बनाने का अनुरोध किया था। वहीं प्रदेश पंच सरपंच संघ के अध्यक्ष अमोद कुमार ने बताया कि पंच – सरपंचों को छोड़ कर पंचायती राज संस्थाओं के सभी जनप्रतिनिधियों को स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है। राज्य सरकार की पहल से अब उम्मीद जगी है। 
वर्त्तमान में एमएलसी चुनाव के लिए नामित वोटर निम्नलिखित हैं
सांसद , विधायक , राज्य सभा और विधान परिषद के सदस्य , जिला परिषद सदस्य , पंचायत समिति सदस्य , मुखिया , वार्ड पंचायत सदस्य , नगर निगम सदस्य , नगर परिषद सदस्य , नगर पंचायत सदस्य और कंटोनमेंट बोर्ड के सदस्य। कुल 01.32 लाख।
बढ़ जाएंगे निम्नलिखित वोटर
कुल संख्या 122534
पंच 114467
सरपंच 8064

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