जमुई बिहार / (चुन्ना कुमार दुबे) नौसेना की ताकत में हुआ इजाफाभारत ने आज पश्चिमी तट पर भारतीय नौसेना के विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया। बताया जा रहा है कि मिसाइल के ” सी – टू – सी ” वेरिएंट का अधिकतम सीमा पर टेस्ट किया गया और इसने सटीक सटीकता के साथ एक जहाज को निशाना बनाया।
नौसेना के मुताबिक इसे पनडुब्बी से , पानी के जहाज से , विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। यह 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ान भर सकता है और रडार की पकड़ में नहीं आता है। ब्रह्मोस युद्धपोतों का मुख्य स्ट्राइक हथियार होगा , जो नौसेना के कई युद्धपोतों पर पहले से ही तैनात है। जानकार बताते हैं कि ब्रह्मोस अमरीका की टॉम हॉक से लगभग दुगनी अधिक तेजी से वार कर सकता है , इसकी प्रहार क्षमता भी उससे अधिक है।
उल्लेखनीय है कि रूस की एनपीओ ब्रह्मोस का विकास मशीनोस्ट्रोयेनिया तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ब्रह्मोस के समुद्री तथा थल संस्करणों का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है और इसे भारतीय सेना एवं नौसेना को सौंपा जा चुका है। ब्रह्मोस भारत और रूस के द्वारा विकसित की गई अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है और इसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी देश बना दिया है।