उत्क्रमित मध्य विद्यालय खैरा में 20 वर्षों से एक ही स्थान पर जमे रहने से प्रधान शिक्षिका के मनमानी काफी चरम पर

जिले के शिक्षा अधीक्षक गहरी निद्रा में

धनबाद उत्क्रमित मध्य विद्यालय खैरा में प्रधान शिक्षिका इंद्रलता कुमारी 20 वर्षों से एक ही स्थान पर जमे रहने से इनकी मनमानी काफी चरम पर हो गई है । ज्ञातव्य हो कि कथित प्रधान शिक्षिका कि 20 वर्षों से एक ही स्थान पर जमे रहना सरकारी नियमानुसार अवैध है । विद्यालय के आसपास रहने वाले लोगों ने चर्चा के दौरान बताया कि यहां बच्चों का नामांकन पंजी के अनुसार लगभग 160 बच्चों का उपस्थिति प्रत्येक दिन दर्ज होती है । लेकिन 35-40 की संख्या में ही बच्चे यहां पठन-पाठन करते नित्य देखे जाते हैं ।

लचर शिक्षा व्यवस्था के कारण कई अभिभावकों ने अपने बच्चों का उज्जवल भविष्य के लिए अन्य स्कूलों में नामांकन करवा लिए हैं । परंतु पोषक आहार , खाद्य सामग्री की हेराफेरी करने के क्रम में बच्चों का संख्या रिपोर्ट अधिक भेजी जा रही है । विद्यालय में पेयजल की स्थिति भी काफी दयनीय है । विधायक कोटा द्वारा विगत वर्ष हाफ इंच का एक नल यहां लगाई गई थी ,जो काफी दिनों से बंद पड़ी हुई है । मरम्मत के लिए सरकार द्वारा राशि भेजी गई थी ,किंतु उक्त नल अभी तक चालू नहीं हो सकी ।

बच्चों का मध्यान भोजन के पश्चात पानी के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । विद्यालय मरम्मत एवं रंग पेंट के अभाव में जर्जर तथा उदासीनता हालात से गुजर रही है । खिड़की दरवाजे सड कर टूट रहे हैं । जबकि रंग रोहन का फंड सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष भेजी जाती है , इसके बावजूद भी यहां कोई कार्य नहीं हो पा रही है । अलावे विद्यालय में सरकार द्वारा बच्चों का खेल सामग्री मुहैया कराई गई थी , जो विद्यालय से गायब है । स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि कथित प्रधान शिक्षिका समय पर कभी भी विद्यालय नहीं आती है । एवं बच्चों को सही ढंग से देखरेख भी नहीं करती है ।

जिससे बच्चे पढ़ाई के समय पढ़ाई करने के बजाय खेल में मगन रहते हैं । इनका सारा समय अपने पति के साथ घरेलू गप्पे लड़ाते , मटरगश्ती करने में बीतता है । कहने को तो यह प्रधान शिक्षिका है , किंतु पांचवी कक्षा का बच्चों को भी पढ़ाना एवं मातृभाषा में एक आवेदन लिखना भी इनके लिए लोहे का चना चबाने के समान हैं । इनके संबंधित कागजातों के लिखा पढ़ी का सारा कार्य इनके पति द्वारा ही किए जाते हैं । इनके इस मनमानी रवैया में जिले के शिक्षा अधीक्षक की पूरी सांठगांठ बताई जा रही है ।

जिस बाबत कथित शिक्षिका काफी लंबे समय से एक ही स्थान पर जमीन हुई है , और विद्यालय में इनके समांतर सरकार चल रही हैं । लोगों ने शिक्षिका की अविलंब स्थानांतरण की मांग झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की है ।

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