गीतमृत बौद्धिक क्रांति केंद्र में 18 दिनी गीता जयंती समारोह का शुभारंभ

गीता घर की शोभा नहीं, ज्ञान का अथाह भंडार

गम्हरिया। बलरामपुर के एनकेएस मैदान से सटे गीतमृत बौद्धिक क्रांति केंद्र में 18 दिनी गीता जयंती समारोह का मंगलवार को शुभारंभ हुआ। केंद्र के संचालक सह प्रसिद्ध गीता वाचक पंचानंद सिंह तोमर एवं जमशेदपुर तुलसी भवन के सचिव प्रसेनजीत तिवारी ने संयुक्त रूप से समारोह का उदघाटन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि तिवारी ने गीता के महत्व पर प्रकाश डाला। कहा कि गीता का चिंतन से अज्ञानता का आचरण हट जाता है। ज्ञान की ओर प्रेरित होता है। जिस व्यक्ति के जीवन में गीता का ज्ञान नहीं, वह पशु से भी बदतर होता है। तोमर ने कहा कि भगवत गीता के पठन-पाठन एवं श्रवण से जीवन में श्रेष्ठता के भाव आते हैं। गीता केवल लाल कपड़े में बांधकर घर में रखने के लिए नहीं बल्कि उसे पढ़कर संदेशों को आत्मसात करने की जरूरत है। गीता भक्तों का विश्वास है। गीता ज्ञान का भंडार है। बताया गया कि गीता जयंती का आयोजन 14 से लेकर 31 दिसंबर तक किया गया है। इसमें गम्हरिया समेत आसपास के क्षेत्रों से काफी संख्या में श्रद्धालु शिरकत कर रहे हैं। इस अवसर पर कामख्या प्रसाद, ज्ञान शंकर, कन्हैया प्रसाद अग्रवाल, योगेंद्र पांडेय, आर एन भगत, जितेंद्र, शैलेंद्र सिंह, ललित सिंह, आरडी तिवारी, दिलीप कुमार गुप्ता, चंद्रावती देवी, नीतू देवी, रूबी देवी, मंजू देवी, हेमंती देवी समेत काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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