गम्हरिया। ट्रक की चपेट में आकर गंभीर रूप घायल तेतुलडागा निवासी स्वर्गीय नारायण गोप की पुत्री 15 वर्षीय सुनीता गोप का दायां पैर नहीं बचाया जा सका। टीएमएच के चिकित्सकों के अथक प्रयास एवं उसके इलाज का खर्च स्वंय मंत्री चंपई सोरेन के द्वारा वहन करने के बाद भी दुर्घटनाग्रस्त पैर को काटना पड़ा। इस बच्ची के लिए ईश्वर बनकर आये मंत्री सोरेन ने उसकी जिंदगी बचा ली। इधर सुनीता की जिंदगी को पलभर में दिव्यांग बना देने वाला लापरवाह ट्रक ड्राइवर एवं खलासी को गुरुवार को जेल भेज दिया गया। झामुमो कार्यकर्ताओं एवं परिजनों में ट्रक मालिक के खिलाफ तीव्र आक्रोश है।
इलाज तक का खर्च नहीं दिया ट्रक मालिक
ट्रक मालिक की ओर से इलाज तक का खर्च नहीं देने से परिजनों ने मंत्री को मामले की जानकारी देकर न्याय की गुहार लगायी थी। इसमें आदित्यपुर थाना पुलिस की ओर से भी वाहन मालिक से इलाज के लिए कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। इस मामले की जानकारी के बाद मंत्री सोरेन ने स्वंय इलाज का पूरा खर्च उठा लिया। इस संबंध में मंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर झामुमो आदित्यपुर नगर अध्यक्ष दीपक मंडल ने बताया इलाज में करीब एक लाख रूपये से अधिक की खर्च
आएगी।अभी तक करीब 70 हजार की राशि खर्च हों चुकी है, जो मंत्री चंपई सोरेन के द्वारा भुगतान किया गया है। बच्ची के साथ अचानक हुए इस हादसे से मंत्री काफी मर्माहत है।
सायकिल से सड़क पार करने में हुआ हादसा
बीते 29 नवंबर को टीचर्स ट्रेनिंग मोड़ के समीप सड़क पार करने के दौरान साइकिल सवार सुनीता ट्रक की चपेट में आ गई थी। इस दौरान उसका दाया पैर कुचल गया था। मंत्री के निर्देश पर उसे टीएमएच में भर्ती कराया गया। गुरुवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के आदित्यपुर नगर अध्यक्ष दीपक मंडल, राजेश गोप, शंकर गोप ने सुनीता को टीएमएच से डिस्चार्ज करवाकर उसके तेतुलडांगा स्थित आवास पहुंचाया।
मेरे जीवन की सबसे दुखद घटना-दीपक
घटना के बाद तुरंत स्थल पर पहुंचे आदित्यपुर नगर झामुमो अध्यक्ष दीपक मंडल ने कहा कि यह जीवन का सबसे दुखद दृश्य था। दादा (चम्पई सोरेन) को जैसे ही सूचना मिली उन्होंने तुरंत टीएमएच में भर्ती का निर्देश दिया। जितनी राशि भी लगे, इलाज का खर्च का निर्देश दिया। किन्तु, पैर बचाना संभव नहीं हुआ। हमलोग पीड़ित बच्ची एवं परिवार को पूरी सहायता प्रदान करेंगे।