कांड्रा/ बुधवार को छठघाट में सैकड़ों व्रतियों ने पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ अस्त होते सूर्य को पहला अर्ध्य दिया। इसके लिए छठघाट में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। वहीं गुरुवार को व्रती सुबह के सूर्य को अर्ध्य देंगे। छठ महापर्व पर सैकड़ों व्रतधारी महिला और पुरूष दोपहर बाद अपने घरों से दौरा और सूप में पूजन सामग्री सजाकर छठघाट की ओर रवाना होने लगे थे। उनके साथ उनके परिजन एवं मोहल्ले के लोग छठ मइया के गीत गाते हुए उत्साह एवं श्रद्धा के साथ छठघाट पर पहुंच रहे थे। यह सिलसिला दोपहर से शाम तक चलता रहा। देखते ही देखते छठघाट व्रतियों व श्रद्धालुओं से ठसाठस भर गया। घाट में उतर कर व्रतियों ने छठ मइया की अराधना करना प्रारंभ कर दिया। वे सूर्य के अस्त होने के इंतजार में पानी के अंदर खड़े होकर छठ मइया से मनौती मांगते रहे। अस्त होते सूरज को देखकर व्रतियों ने पहला अर्ध्य दिया। हरिश्चंद्र बांधा झुडिया घाट लाहकोठी कमेटी सूर्य मंदिर छठ घाट कांड्रा,कांड्रा स्थित मानिकुई छठ घाट एवं कांड्रा के बड़ा तलाब समेत अन्य स्थानों पर सोशल डिस्टेंस का पालन कर डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया गया। महिलाओं ने छठ पूजा के लिए मौसमी फल, बांस की टोकरी, कच्ची हल्दी अदरक, मिट्टी का दीपक आदि सामान खरीदा। घरों में प्रसाद बनाया। पूजा सामग्री व जलता हुआ दीपक बांस की टोकरी में रखकर सूर्य देव को अर्पित किया। परिवार में खुशहाली की प्रार्थना की। परिजन घाट में खड़े होकर छठ मइया के पारंपरिक गीतों से छठ पूजा का बखान करते रहे। छठ व्रत के नियमों का पालन करने वाले साधक दोपहर तीन-चार बजे से ही नियत स्थान पर पहुंच कर दौरा और सूप में रखे पूजन सामग्रियों को घाट किनारे रखकर पूजा-अर्चना कर रहे थे। जिसके बाद वे बाद तालाब में कमर भर पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर की अराधना करने लगे। उसके बाद अस्त होते सूर्य को प्रथम अर्ध्य देकर व्रती अपने घरों की ओर रवाना हुए। आपको बता दें कि शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के कोने-कोने मे छठ मइयां की पूजा की धूम है।
घाटों में मुस्तैद रहे प्रशासनिक अधिकारी
लोकआस्था के महापर्व छठ को लेकर प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रही। कांड्रा थाना प्रभारी राजन कुमार घाटों में पुलिस बल के जवानों संग मौजूद रहें।