गम्हरिया। चंद्रूका मिनरल्स के मालिक संगम अग्रवाल द्वारा प्रमोद पंडित नामक सुरक्षा गार्ड की पिटाई का मामला तूल पकड़ लिया है। इस मामले में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के निर्देश के बाद पूरा श्रम विभाग भी हरकत में आ गया है। सोमवार को अपर श्रमायुक्त के निर्देश पर उप श्रमायुक्त राकेश प्रसाद, श्रम अधीक्षक रमेश सिंह, राकेश सिन्हा और फैक्ट्री इंस्पेक्टर ने कंपनी में जाकर मजदूरों, सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय लोगों सहित 31 का बयान कलमबंद किया। जांच टीम ने इस मामले में कंपनी प्रबंधन का भी बयान लिया। कंपनी के संचालन से जुड़े दस्तावेजों का अवलोकन किया। जांच टीम ने कंपनी में सुरक्षा मानकों में कई खामियां अपनी जांच रिपोर्ट में शामिल किये। मामले में उप-श्रमायुक्त ने कहा कि श्रम विभाग कंपनी प्रबंधन को मजदूरों का शोषण करने की छूट नहीं देती है। विभिन्न श्रम कानूनों का उल्लंघन करने वाले इस कंपनी प्रबंधन के खिलाफ श्रम अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
यूथ इंटक ने किया प्रदर्शन
इस मामले में यूथ इंटक के राष्ट्रीय सचिव राजीव पांडेय के नेतृत्व में कंपनी के मेन गेट पर धरना-प्रदर्शन किया गया। पांडेय ने बताया कि उन्होंने इस मामले की स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और श्रम मंत्री सत्यानन्द भोक्ता से शिकायत कर जांच की मांग की है। इसके बाद दोनों मंत्रियों के निर्देश पर श्रम विभाग ने जांच टीम गठित की है। उन्होंने कहा कि कंपनी का संचालन श्रम अधिनियम के तहत नहीं किया जा रहा है। मजदूरों से बातचीत में वहां न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलने, बोनस एक्ट का पालन नहीं करने की बात सामने आई है। श्रम विभाग की ओर से ठोस कार्रवाई के आश्वासन पर ही आज धरना को समाप्त किया गया। मौके पर उपस्थित यूथ इंटक के वरीय नेता अमन ओझा, मुन्ना रजक, नितिन पांडेय, विशाल सिंह तोमर आदि उपस्थित थे।