इस बार भी श्रावणी मेला में लगा ग्रहण अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे एमपी निशिकांत

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धनबाद /(संवाददाता : विश्वजीत सिन्हा) लगातार दूसरे साल देवघर का बाबा बैद्यनाथ मंदिर भक्तों के लिये बंद है. इससे स्थानीय पुजारियों, कारोबारियों तथा छोटे-मोटे काम करनेवाले स्थानीय युवा फांकाकशी में दिन काट रहे हैं. कोरोना संकट के कम होते खतरों के बीच राज्य सरकार ने सिनेमा हॉल, बार, कोचिंग संस्थान, स्कूल कॉलेज खोले जाने की भी इजाजत अब दे दी है, लेकिन धार्मिक आस्था के केंद्रों पर अब भी ताले लगे हैं. इसे लेकर लगातार राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक संगठन आवाज उठा रहे हैं. सरकार से इसके लिये राहत देने की मांग हो रही है.
इधर, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे भी राज्य सरकार के रवैये पर लगातार नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. कह रहे हैं कि सीएम हेमंत सोरेन के कारण सावन के महीने में भी बाबा नगरी में सन्नाटा पसरा है. बेरोजगारी शोर मचा रही है.

बाबा मंदिर से सटे सभी दुकानदार की अर्थव्यवस्था चौपट

लगातार दूसरे साल श्रावणी मेला में लगा ग्रहण झारखंड सरकार की नई गाइडलाइन आने के इंतजार सभी लोग कर रहे थे लेकिन गाइडलाइन आने पर सभी निराशाजनक हुए
इससे बाबा बैद्यनाथ के भरोसे जीवन यापन करने वाले युवाओं, स्थानीय कारोबारियों, पूजारियों के परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो चुका है. इसका एकमात्र कारण सीएम हेमंत सोरेन हैं. दुबे ने कहा कि बाबा नगरी की अर्थव्यवस्था श्रावणी मेला और मंदिर पर आश्रित है. पर राज्य सरकार के सिर्फ एक फैसले से यह सब ठप हो गया है.

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