अनुसूचित बाहुल्य क्षेत्र को विकसित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना के तहत प्रथम चरण में मुंगेली जिले के 40 गांव को चिन्हित किया गया था जहाँ केंद्र सरकार द्वारा करोड़ो की राशि आबंटित भी की गई थी लेकिन इस महत्वकांक्षी योजना में करोड़ो का घोटाला उजागर हुआ है…काम के लिए राशि तो आहरित हुई लेकिन धरातल पर अधिकांश कार्य नजर नही आ रहा.
प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना के पहले चरण में मुंगेली जिले के 40 ग्राम पंचायत को चिन्हित किया गया था जहाँ केंद्र सरकार व डीएमएफ फंड से एक एक पंचायत को तकरीबन 45-45 लाख रुपये के कार्यो की स्वीकृति भी मिली…इस योजना में कई विभागों को एजेंसी के रुप में शामिल भी किया गया जिसमें ट्राइबल,क्रेडा,विद्युत यांत्रिकी, ग्रामपंचायत सहित अन्य कुछ विभागों को शामिल किया गया. सरकार के मंशा के अनुरूप इस योजना का उद्देश्य था कि अनुसूचित बाहुल्य क्षेत्रो में शिक्षा,स्वास्थ्य व मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराना लेकिन इस योजना में जमकर भ्र्ष्टाचार किया गया है अगर आंकलन किया जाए तो इस योजना में आई राशि मे जमकर बंदरबांट हुआ है सरकार ने करोड़ो विकास के नाम पर बहाए लेकिन धरातल में आलम बिल्कुल विपरीत है.
जिले के 40 गांव में अधिकांश सप्लाई,सुविधा व निर्माण कार्यो में भारी अनियमितता देखने को मिली…राशि तो आहरित कर ली गई लेकिन निर्माण कार्य अधर में लटका है तो वही ट्राइबल विभाग के सप्लाई और निर्माण कार्य का कोई अता पता नही,,क्रेडा विभाग द्वारा भी जमकर लापरवाही की गई सोलर पंप तो लगाए गए है पर संचालन इसका कई जगह भगवान भरोसे है…प्रधानमंत्री आदर्श योजना के तहत ही सूबे के पूर्व खाद्यमंत्री व मुंगेली के विधायक पुन्नूलाल मोहले के गृह ग्राम दशरंगपुर को भी शामिल किया गया है यहां के पूर्व सरपंच बताते है कि बहुत सारे काम नही हुए कई बार उन्होने इसकी शिकायत भी की लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई वही पीथमपुर के वर्तमान सरपंच का कहना है बहुत से कार्य अधर में लटके है लेकिन राशि पूर्ण आहरित की गई है वही ऐसे सभी गांव में योजना के तहत भारी गड़बड़ी हुई है अगर निष्पक्षता से जांच हो तो करोड़ो का घोटाला इस योजना में उजागर हो जाएगा।।।
केंद्र सरकार के मंशा के अनुरूप प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना में चिन्हित गांव में विकास के नाम पर करोड़ो रूपये तो आए लेकिन बहुत सारे कार्य नियम विरुद्ध हुए..इस योजना में सबसे बड़ा घोटाला आदिमजाति कल्याण विभाग का उजागर हुआ लेकिन विभाग के अधिकारी शिल्पा साय हमेशा इस मामले में बचती नजर आई है…इस मामले में सम्भवतः जिला पंचायत की टेक्निकल टीम ने भी इसका भौतिक सत्यापन कर लिया है और जांच जारी है मामले की जानकारी जिला पंचायत सीईओ को दी गई है जिसपर उन्होंने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की बात की है साथ ही उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के लिए 58 गांव को चिन्हाकित किया गया है जिसपर ऑनलाइन तरीके से कार्य करवाया जाएगा ताकि पिछले कार्यो जैसी पुनरावृत्ति न हो।।।
प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना में चिन्हित गांव का विकास जिस तरह से किया जाना था कही न कही विभागीय लापरवाही को उजागर करता है वही अगर पहले चरण में हुए घोटाले का पर्दाफाश नही हुआ तो निश्चित ही दूसरे चरण में चिन्हित ग्राम में वही कारनामा दोहराया जाएगा जबकि पहले चरण में जितनी जिम्मेदार विभाग की थी लेकिन विभाग ही ऐसे कारनामे करे तो क्या कहेंगे,,,वही अगर इस पर बड़ी कार्रवाई नही की गई तो निश्चित ही जिम्मेदार विभागों की मौन सहमति कही जा सकती है.