दशरथ मांझी की 17वीं पुण्यतिथि पर विशाल मोटरसाइकिल रैली का आयोजन

गया | विश्व प्रसिद्ध कर्मयोगी, धैर्य, वीरता और साहस के प्रतीक पर्वत पुरुष दशरथ मांझी की 17वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आज 17 अगस्त को राष्ट्रीय मुशहर भुइयां विकास परिषद, गया की ओर से एक विशाल मोटरसाइकिल रैली का आयोजन किया गया है।

यह रैली बोधगया के कालचक्र मैदान से शुरू होकर भूसूंडा, मुफस्सिल मोड़, राजापुर और भिंडस होते हुए पवित्र समाधि स्थल गहलोर घाट तक गई है।इस कार्यक्रम का शुभारंभ हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री, डॉ. संतोष कुमार सुमन ने दशरथ मांझी के अनुयायियों को माला पहनाकर और हरी झंडी दिखाकर किया गया है। अपने संबोधन में डॉ. सुमन ने दशरथ मांझी की वीरता और साहस की प्रशंसा की और कहा कि बाबा ने देश और दुनिया में अपनी अनूठी पहचान बनाई है।

जो बिहार राज्य और गया जिले के साथ-साथ समाज को भी गौरवान्वित करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक सूरज और चांद रहेंगे, बाबा दशरथ मांझी का नाम जीवित रहेगा। डॉ. सुमन ने भारत सरकार से दशरथ मांझी को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की है।इस श्रद्धांजलि सभा में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की गरिमामय उपस्थिति भी रही है। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दशरथ मांझी ने समाज को स्वाभिमान और मनोबल को बढ़ाने में अमिट छाप छोड़ी है और उनके विचारों को आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है।

उन्होंने बाबा दशरथ मांझी को भारत रत्न दिलाने के लिए निरंतर प्रयास करने का संकल्प लिया है।इस कार्यक्रम के संयोजक, ई. नंदलाल मांझी, शंकर मांझी, दिना मांझी, नारायण प्रसाद मांझी, नरेश मांझी, सुरेश मांझी, राजेश मांझी और राजेश सदा ने कहा कि इस आयोजन को पिछले 10 वर्षों से किया जा रहा है और यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी।

श्रद्धांजलि स्वरूप यह बाइक रैली गया जिला के विभिन्न मार्गों से होकर गुजरती है, जिसमें आज विशेष उत्साह और जोश देखा गया है। इस मौके पर समाज के विभिन्न समस्याओं जैसे अशिक्षा, अंधविश्वास और सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के दशरथ मांझी के विचारों को भी बढ़ावा दिया गया है।

इस कार्यक्रम में विनय मांझी, आनंद कुमार, संतोष सागर, सिंटू कुमार, राकेश मांझी, रामस्नेही मांझी, धर्मेंद्र मांझी, मनोज मांझी, पंकज कुमार, सुरेश मांझी मुखिया,राजेश मांझी, प्रमोद मांझी, सुजीत मांझी, राकेश मांझी, उमेश दास, रवि दास सहित हजारों लोग शामिल हुए हैं। समाज की ओर से दशरथ मांझी को भारत रत्न दिलाने के प्रयासों में समर्थन जारी रहेगा।

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