आशीष सिंह सूर्यवंशी ने नवनियुक्त कोयला मंत्री जी रेड्डी से मुलाकात कर झरिया पुनर्वास एवं प्रदूषण नियंत्रण के लिए सौपा ज्ञापन

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सिंदरी | सिंदरी निवासी एवं युवा सदन के आशीष सिंह सूर्यवंशी ने अपने टीम के सक्रिय सदस्य अंकित शुक्ला एवं धर्मेश मालवीय के साथ राजधानी दिल्ली में भारत सरकार के नवनियुक्त कोयला एवं खान मंत्री जी० किशन रेड्डी जी से शिष्टाचार मुलाकात कर झरिया पुनर्वास एवं झरिया प्रदूषण नियंत्रण के विषय पर बातचीत की है और ज्ञापन सौंपा है।

उन्होंने मंत्री को बताया कि झरिया की लगभग 6 से 7 लाख की आबादी भूस्खलन वाले क्षेत्र में निवास कर रही है जहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। भूमिगत कोयले में लगी 100 वर्षों पुरानी आग आज तक नहीं बुझाई जा सकी है और पूरा झरिया खोखला हो चुका है इसके बावजूद भी लोग इस खतरनाक जोन में रहने को विवश है।

उन्होंने मंत्री को दिए गए आवेदन में लिखा है की बीसीसीएल, सीआईएल तथा जिला प्रशासन के नेतृत्व में गठित ‘झरिया रूरल डेवलपमेंट अथॉरिटी’ द्वारा झरिया पुनर्वास योजना बनाई तो गई थी लेकिन यह धरातल पर अमल नहीं हो पा रही है। लोग बलगडिया जैसे मूलभूत सुविधाओं से वंचित तथा रोजगार विहीन क्षेत्र में प्रवास नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि वहां आजीविका और व्यवसाय का कोई स्रोत नहीं है।

आशीष ने मंत्री के समक्ष अपना सुझाव पक्ष रखते हुए कहा की झरिया के लोगों को भूलि टाउनशिप एरिया तथा धनबाद कोयला नगर में बीसीसीएल द्वारा लगभग 20 से 30 एकड़ भूमि खंड पर निर्मित जर्जर हो चुके 5000 आवासों को पुनर्विकसित करते हुए झरिया के बहुत से परिवारों को उस स्थान पर सुरक्षित पुनर्वास करवाया जा सकता है, यह स्थान बड़े बाजार से बहुत करीब है और लोगों के लिए व्यवसाय करने तथा अपना आजीविका चलाने की दृष्टिकोण से सबसे उपयुक्त स्थल है।

उन्होंने मंत्री को बताया कि यहां आए दिन भूस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं और भूस्खलन में लोगों की मृत्यु आम बात है। झरिया में बढ़ते प्रदूषण और प्रदूषण जनित रोगों का कारण उन्होंने भारत कोकिंग कोल लिमिटेड को बताया है, उन्होंने लिखा है कि भारत कोकिंग कोल लिमिटेड नियमों का अनुपालन नहीं करवा पाती है. यहां आउटसोर्सिंग पर भी लगाम नहीं है।

उन्होंने मंत्री से अनुरोध किया है कि किसी बड़े हादसे से पहले झरिया के लोगों को सुरक्षित और रोजगार परक स्थान पर पुनर्वासित किया जाए तथा झरिया प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में भी ठोस पहल करें। मंत्री ने पत्र को स्वीकार करते हुए आशीष को आश्वासन दिया है कि वह इस विषय पर विचार करेंगे।

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