आवर्तन में छात्रों द्वारा प्रस्तुत कठपुतली नृत्य से झूमा सीयूएसबी परिसर

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गया। दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) का ओपन एयर ऑडिटोरियम सांस्कृतिक कार्यक्रम “आवर्तन” में विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किए गए मनमोहक प्रस्तुतियों से झूम उठा है ।जन सम्पर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में विश्वविद्यालय के हेरिटेज क्लब ने एनआईडीएम के साथ इस कार्यक्रम का आयोजन किया है।

इस कार्यक्रम को हेरिटेज क्लब की अध्यक्ष डॉ. अमृता श्रीवास्तव कार्यक्रम समन्वयक ने क्लब के सदस्य डॉ. सुजीत कुमार और डॉ. प्रियरंजन के सहयोग से आयोजित किया गया है इस कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. सुनीता सिंह ने डीएसडब्ल्यू प्रो. पवन कुमार मिश्रा की उपस्थिति में किया गया है। आयोजन की शुरुआत राष्ट्रगान से की गई, इसके पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों को पौधा और शॉल देकर सम्मानित किया गया है।

कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने अपने संबोधन में भव्य कार्यक्रम का आयोजन करने हेतु हेरीटेज क्लब की सराहना की और भविष्य में ऐसे आयोजन करते रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने फाइनल ईयर के छात्र-छात्राओं को विशेष् रूप से सुनहरे भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उन्हें प्रेरित किया कि वह जिस भी क्षेत्र में अपना करियर चुने उसमें पूरी मेहनत से कम करें जैसा उन्होंने इस विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई के दौरान किया है।आगे बॉलीवुड हिंदी फिल्मों के गीतों को शास्त्रीय संगीत के राग पर जुगलबंदी के तौर पर प्रस्तुत किया गया जिससे विश्वविद्यालय संगीतमय हो उठा और उपस्थित लोग मंत्रमुग्ध हो गए हैं।

विश्वविद्यालय के छात्र – छात्राओं ने बड़ा मनमोहक कठपुतली नृत्य बड़े ही सामंजस्य के साथ प्रस्तुत किया गया है। कठपुतली नृत्य की प्रस्तुति पर लोग आनंदित हो उठे। बिहार के पावन छठ पर्व पर विश्वविद्यालय के एक छात्र ने कविता प्रस्तुत की गई है। कविता का सार था कि छठ पूजा में घर आना क्यों जरूरी है। इस कविता पर सभी लोग भाव – विभोर दिखे। वहीं सीयूएसबी के ही अन्य छात्र द्वारा “रियलिटी डांस” प्रस्तुत किया गया है।

राम की शक्ति पूजा पर कथक गुरु शालिना चतुर्वेदी जी अतिथि कलाकार के रूप में आमंत्रित थीं। अपनी प्रस्तुति से पहले उन्होंने बताया कि वे कथक के माध्यम से सभी छात्रों को भारत की सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं। अपने कथक योग पहल के माध्यम से उन्होंने अपने कई छात्रों की शारीरिक और मानसिक बीमारी को ठीक किया है।

उसके बाद शालीना ने अपने ग्रुप के साथ मनमोहक प्रस्तुति दी जिसने कार्यक्रम में जान डाल दी है। इसके बाद रुद्राक्षी ग्रुप द्वारा लोक नृत्य के अंतर्गत राजस्थानी नृत्य का प्रदर्शन किया है। प्रस्तुति के बाद शालीना एवं रुद्राक्षी ग्रुप को कुलपति द्वारा सम्मानित किया गया है।

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