सरायकेला / सरायकेला प्रखंड अंतर्गत खरकाई नदी के ऊपर बना मांजना घाट पुल को बने करीब 10 वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं मांजना घाट पुल के माध्यम से दर्जनों गांव के लोग सरायकेला प्रखंड, अनुमंडल और जिला मुख्यालय से जुड़े हुए हैं दर्जनों गांवों को जोड़ने वाली इस लाइफ लाइन मांजना घाट खरकाई पुल अब बेहद जर्जर हालत में पहुंच गया है।
पुल के दोनों छोर पर सड़क लगभग बन चुकी है लेकिन फूल के एक छोर पर 250 ढाई सौ मीटर सड़क कच्ची है। इसे बनाना अति आवश्यक है।
पुल की स्थिति वर्तमान में काफी जर्जर अवस्था में पहुंच गई है पुल के बीच-बीच में जॉइंट कनेक्शन में काफी बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं जो हादसे को दावत दे रहे हैं। यदि पुल मरम्मति नहीं होता है तो जर्जर पुल कभी ध्वस्त हो सकता है जिससे दर्जनों गांव का सरायकेला शहर के साथ-साथ प्रखंड, अनुमंडल और जिला मुख्यालय से संपर्क कट जाएगा और वाहनों की आवाजाही ठप हो जाएगी। पुल पर 10 वर्ष पूर्व डाला गया सीमेंट उखड़ने लगा है। कम स्पान का होने के बावजूद पुल छोटे वाहनों के चलने में ही हिलने लगता है। वर्तमान में जर्जर पुल के कारण छोटी-मोटी दुर्घटनाएं होती रहती है यही स्थिति बनी रही तो कभी बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है। सुरक्षा की दृष्टिकोण से भी विभाग द्वारा सावधानी के लिए वहां पर कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया।
वर्तमान पुल की जर्जर स्थिति को देखते हुऐ सरायकेला नगर पंचायत उपाध्यक्ष सह भाजपा नेता मनोज कुमार चौधरी ने उपायुक्त सरायकेला खरसावां से अविलंब इस पुल की मरम्मती करवाने का आग्रह किया है