धनबाद /झरिया / कोरोना से मौत पर सिर्फ राज्यकर्मियों को मिलेंगे 25 लाख मुआवजा, यह राज्य सरकार द्वारा की गई घोषणा मानव-मानव के बीच भेदभाव है; उक्त बातें बसपा नेता झारखंड प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष सुबल दास ने कही। उन्होंने कोरोना से हो रहे बड़े पैमाने पर मौतों पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारी हों अथवा गैरसरकारी कर्मचारी या फिर बेरोजगार, सभी की जानें की कीमतें उनके परिवारजनों के लिए एक समान है। ऐसे भी जब हमारे माननीयों को चुनाव वक्त जरूरत पड़ता है तो सभी समुदाय, सभी वर्गों के लोगों से एक-एक ही वोट वो भी सामान वैल्यू का प्राप्त होता है। जिससे वह जनप्रतिनिधि बनते हैं अथवा सरकारें बनाते हैं। उन्होंने कहा कि तथाकथित जो सरकारी कर्मचारी अपना जवाबदेही का निर्वाहन नहीं करते तो उनके जगह प्रदेश में भरे पड़े लाखों-करोड़ों बेरोजगारों से उक्त कार्य नियोजित कर कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना अथवा फंगस जैसे कारणों से मरने वाले सभी को सरकार समान सहानुभूति के साथ उनके परिजनों को समान मुआवजा देने की गारंटी करें।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे कोरोना काल का समय बढ़ रहा है,गरीब वर्ग खासकर बहुसंख्यक बहुजन समाज के लोगों पर खाना-पानी का घोर किल्लत हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही प्रति व्यक्ति 2 किलो गेहूं व 3 किलो चावल काफी नहीं है।
बसपा नेता सुबल दास ने यह भी कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार आज सभी को वैक्सीनेशन भी नहीं करा पा रही है। ऑक्सीजन के लिए भारत तड़प रहा है। चहूं ओर मौत से लाशें ही लाशें दिख रही है, जो काफी दुखद ही नहीं बल्कि, मौजूदा सरकार के लिए अतिनिंदनीय है। ऐसे में श्री नरेंद्र मोदी जी को बिना एक मिनट देर किए नैतिकता पर अपने पद से इस्तीफा दे देनी चाहिए।