रांची के हिनू में एक निर्माणाधीन मल्टी स्टोरी भवन के दीवार ढहने से दो बच्चो की मौत

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मुआवजा की मांग कर रहे संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के महासचिव के साथ भाजपा नेता और पुलिस ने दुर्व्यवहार और हाथापाई किया

रांची | राजधानी के डोरंडा थाना क्षेत्र के हिनू में एक निर्माणाधीन मल्टी स्टोरी भवन की दीवार ढह जाने से दो बच्चो की मौत हो गई जबकि एक धायल बच्चे की स्थानीय अस्पताल में चिकित्सा की जा रही है।लोगो का कहना है की सुबह बारिश से बचने के लिए तीनो बच्चे दीवार से होकर अपने घर जा रहे थे ।बरसा के साथ हवा चल रही थी ।उसी समय दीवार अचानक ढह गई। मृतक के परिजन ने भवन निर्माणकर्ता पर गंभीर आरोप लगाया है और मुआवजे की मांग की है।पुलिस ने दो बच्चो के शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया है।इधर मृतक के परिजन के साथ मुआवजे की मांग कर रहे संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विजय शंकर नायक ने कहा है की भाजपा और डोरंडा थाना पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार और हाथापाई किया और धरना स्थल से हटाकर मामले को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रभारी झारखंड, छत्तीसगढ विजय शंकर नायक ने कहा की उक्त स्थल का 10 बजे दौरा किया और दोनो बच्चो के पिता दोनो आदिवासी मजदूरो शिवा महली एंव अजय लोहरा से भेंट कर उनसे जानकारी प्राप्त किया और घटना की जानकारी ली तथा पीड़ित परिवार को आश्वस्त किया कि उनके साथ न्याय किया जाएगा इन्होंने सरकार से एवं बिल्डर जहां काम कर रहे थे उससे मांग किया कि पीड़ित परिवार के बच्चों को 10-10 लाख रुपया मुआवजा दिया ही जाना चाहिए और उनके आश्रित परिवारों को नौकरी दिया जाए ताकि उनके साथ हृदय विदारक हुई घटना में उन्हें न्याय मिल सके ।वार्ता मुआवजा के दौरान मुझसे पुलिस के द्वारा दुर्व्यवहार किया गया एंव बिल्डर के तथा भाजपा समर्थको के द्वारा मुझसे धक्का मुक्की किय गया और जबर्दस्ती मुझे पुलिस के द्वारा वहां से हटा दिया गया और बिना आदिवासी मजदूर को उचित मुआवजा दिये बिना वहां से हटाकर लाश को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया जिसकी संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी गणेश शब्दों में निंदा करती है ।श्री नायक ने आदिवासी के हिमायती मुख्यमंत्री चंपई सोरेन से मांग किया है कि इस घटना को वे व्यक्तिगत रूप से इसकी जांच कराये और बिल्डर पर 302 आदतन हत्या करने के जुर्म में प्राथमिकी दर्ज किया जाय और पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपया एवं नौकरी नहीं दिया गया तो फिर लेबर कोर्ट में मुआवजा के लिए केस किया जाएगा और उन्हें न्याय दिलाया जाएगा ।

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