गिरिडीह | रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य जाने वाले झारखंड प्रदेश के प्रवासी मजदूरों की मौत होने का सिलसिला नहीं थम रहा हैं। कल दिनांक 08/02/2024 को गिरिडीह जिले के राजधनवार थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बनगडगी पंचायत बरजो निवासी मोहम्मद मोईनुद्दीन के 21 वर्षीय पुत्र चांद रसीद का अचानक तबियत ख़राब हो गया।
उन्हें बेहतर इलाज के लिए सुरेखा क्रिटीकेयर हॉस्पिटल उल्हासनगर में भर्ती कराया गया। जहां चांद रसीद का इलाज के दौरान मौत हो गया। मौत की सूचना मिलते ही गांव में मातम छागया एवं परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। जानकारी के अनुसार चांद रसीद कुछ दिन पहले ही रोजगार की तलाश में मुंबई के उल्हासनगर गए थे।
उल्हासनगर में वह मजदूरी का काम करते थे और अपने परिवार का भरन पोषण करता था। वहीं इस घटना की सूचना मृतक के गांव वालों ने 19 वर्षों से प्रवासी मजदूरों के हितार्थ में कार्य करने वाली संस्था झारखंडी एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष असलम अंसारी और संघ के केंद्रीय सदस्य तौफीक अंसारी को दिए।
और शव को गांव ले जाने में मदद की अपील किए। संघ के अध्यक्ष जी ने परिवार वालों एवं गांव वालों को ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। वहीं संस्था झारखंडी एकता संघ के सक्रिय सदस्य रेयाज अहमद सहित गांव वालों ने पार्थिव शरीर को गांव भेजने में काफी मदद किए।
और आज फ्लाईट से शव को पैतृक गांव राजधनवार भेजा गया। मौत को लेकर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष असलम अंसारी, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष फिरोज आलम, सदरुल शेख़, विनोद प्रसाद, मुन्ना प्रसाद, ताज हसन अंसारी, असगर खान, तौफीक अंसारी, संतोष कुमार, प्रकाश यादव, राजेंद्र शर्मा, रवि कुमार और मुस्तकीम अंसारी ने दुःख प्रकट करते हुए कहा, कि झारखंड के प्रवासी मजदूरों का मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है।
इससे पहले भी कई प्रवासी मजदूरों की मौतें देश-विदेशों में हो चुकी है। झारखंड सरकार प्रवासी मजदूरों के हित में कुछ पहल नहीं कर पा रही है और मजदूरों का पलायन तेजी से हो रहा है। संस्था झारखंडी एकता संघ,मुंबई अब तक लगभग 262 प्रवासी मजदूरों का शव गांव झारखंड भेज चुकी है। संघ 19 वर्षो से सरकार से प्रवासी कल्याण आयोग के गठन की मांग कर रही है। जिससे प्रदेश के बाहर रोजगार के लिए गए प्रवासी मजदूरों का सुरक्षा एवं सहायता मिल सके।