प्राचीन मूर्तियों, तालाबों एवं शैल चित्रकारी को संरक्षित करें:शिवकुमार मिश्रा

गया।इन्डियन नेशनल ट्रस्ट फाॅर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज ( इन्टैक) के चेयरमैन मेज़र जनरल एल के गुप्त ने इन्टैक नवादा चैप्टर के विधिवत उद्घाटन करते हुए कहा कि नवादा की दुर्लभ विरासत कोहबरवा पहाड़ पर उकेरी गई शैल चित्रकारी है, जिसे इन्टैक द्वारा संरक्षित किया जायेगा।
इन्टैक के सदस्यों एवं धरोहर प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वजों द्वारा दिए गए समृद्धशाली विरासत को संरक्षित करना समाज का दायित्व है। अपने आसपास की विरासत को बचाने हेतु प्रयास करें इन्टैक द्वारा हमेशा सहयोग प्रदान किया जायेगा।उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि आमलोगों में अपनी धरोहरों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित किया जाय।

मुख्य अतिथि के रूप में इन्टैक चैप्टर डिवीजन के डायरेक्टर ग्रुप कैप्टन (से.नि) अरविंद शुक्ला ने इन्डियन नेशनल ट्रस्ट फौर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज की स्थापना, इसके इतिहास एवं इसके कार्यकलापों को प्रस्तुत किया।इन्टैक पटना चैप्टर के कन्वेनर भैरव लाल दास ने बिहार की विरासत के संरक्षण संवर्धन हेतु इन्टैक द्वारा किए जा रहे प्रयासों की चर्चा की।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए डा शिव कुमार मिश्र ने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि प्राचीन मूर्तियों, टीलों, नदियों, कूपों, तालाबों, शैल चित्रकारी के अलावा अपने पुरखों की थाती को संरक्षित करें। डा मिश्र ने शैक्षणिक संस्थानों एवं ग्रामीण स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने पर बल दिया। इस दौरान गया चैप्टर के को कन्वीनर डॉ राकेश कुमार सिन्हा रवि ने बताया कि विरासत को संरक्षित करना हम सभी का परम कर्तव्य बनता है। बिहार में मूल्यवान धरोहर पड़े हुए हैं,बस उस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर इंटैक नवादा चैप्टर के नव नियुक्त कन्वीनर बच्चन कुमार पांडेय एवं को कन्वीनर श्याम सुंदर पांडेय,इन्टैक दरभंगा चैप्टर के कन्वेनर प्रो नवीन कुमार अग्रवाल, डा कविता डालमिया, भागलपुर चैप्टर के को कन्वेनर प्रो विभु कुमार राय, गया चैप्टर के को कन्वेनर डा राकेश कुमार सिन्हा रवि एवं अश्वनी कुमार ने अपने-अपने चैप्टर के कार्यकलापों को प्रस्तुत किया। इस दौरान आगत अतिथियों ने प्राकृतिक, सांस्कृतिक धरोहरों एवं प्राचीन मूर्तियां से संबंधित पोस्टर प्रदर्शनी का लोकार्पण किया।मौके पर धरोहर प्रेमी, पुरातत्विद, संस्कृति प्रेमी और बड़ी संख्या में शोधार्थी छात्र उपस्थित थे।

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