राज्य सरकार के अधिकारी हेमंत सरकार के गैर कानूनी कार्यों के सहभागी ना बने : प्रतुल शाहदेव

हेमंत सरकार में अधिकारी सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की भी अवहेलना कर रहे

रांची | भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने राज्य सरकार के अधीन कार्य कर रहे अधिकारियों से अपील की कि वह राज्य सरकार के गैरकानूनी और गलत कार्यों के सहभागी ना बने। प्रतुल ने अधिकारियों से कहा कि अपने रुल बुक के मुताबिक संविधान और देश के कानून के अनुरूप ही कार्य करे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के हाल के कार्यों से लगता है कि वह अपना खुद का सीआरपीसी बन चुकी है। मुख्यमंत्री जी को ये नहीं भूलना चाहिए देश का कानून सर्वोच्च होता है।
प्रतुल ने कहा कि राज्य सरकार के कैबिनेट सेक्रेटरी ने एक अति आपत्तिजनक पत्र ईडी को लिख कर अपने अफसरों को तलब किए जाने के मुद्दे पर जानकारी मांगी है।यह पत्र सीधे तौर पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की अवहेलना है।प्रतुल ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि हेमंत सरकार अब गैर कानूनी रास्तों का सहारा लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे केंद्र सरकार के मुहिम को रोकना चाहती है और अपने चहेते अफसरों को बचाना चाहती है।
प्रतुल ने कहा की सर्वोच्च न्यायालय ने 27 जुलाई ,2022 को निर्णय सुनाते हुए कहा था की एफआईआर और इसीआईआर – दोनों अलग-अलग होते हैं। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने निर्णय में कहा था कि ईडी के समक्ष यह जवाबदेही नहीं होती कि वह जिस व्यक्ति को बुलाता है उसके साथ अपनी इसीआईआर (एनफोर्समेंट केस इनफॉरमेशन रिपोर्ट) को साझा करे।प्रतुल ने कहा कि ये मानना संभव नहीं है कि कैबिनेट सेक्रेटरी को सर्वोच्च न्यायालय के इस अति महत्व पूर्ण निर्णय की जानकारी नहीं हो। उन्होंने अधिकारियों को सलाह दी कि वो विधि सम्मत कार्य करें।अब कैबिनेट सेक्रेटरी का यह पत्र सीधे तौर पर देश के संसद के द्वारा स्थापित ईडी की शक्तियों को चुनौती देने वाला है। इन शक्तियों को तो सर्वोच्च न्यायालय ने भी सही ठहराया है।प्रतुल ने कहा कि सरकारें आती-जाती रहती है।लेकिन अधिकारियों को हमेशा विधि सम्मत कार्य ही करना चाहिए।

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