हेमंत सरकार ग़लत आँकड़े देकर युवाओं को पुनः दिग्भ्रमित करने का कर रही है कार्य
रांची | भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए कोडरमा के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ निरा यादव ने हेमंत सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने हेमंत सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में फिसड्डी सरकार घोषित करते हुए कहा कि धोखेबाज़ हेमंत सरकार ने सबसे ज़्यादा युवाओं को ठगने का कार्य किया है। हेमंत सरकार ने रघुवर सरकार के कार्यकाल के योजनाओं को ठप कर शिक्षा के कार्यों को रोकने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि पोशाक, स्कूल के रंग बदलने से शिक्षा में बदलाव नहीं होता है। हेमंत सरकार ने शिक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे किए किंतु सब हवा हवाई निकला। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के शिक्षा विरोधी नीति के कारण प्रदेश के युवा पलायन करने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि 9 माह की अवधि में बजट का खर्च काफ़ी नीचे
रहा है, उच्च तकनीकी शिक्षा के 1092 करोड़ का कुल बजट में मात्र 23.12% व्यय हुआ है, जबकि स्कूली शिक्षा में भी स्थिति बदतर है, 6387 करोड़ के बजट में मात्र 58.14% ही खर्च हुआ है। हाईस्कूलों में 10 हज़ार शिक्षकों के पद की रिक्तियाँ है। देश में 18 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक हैं जो की झारखंड में 35 विद्यार्थी पर एक शिक्षक तैनात हैं। हाई स्कूलों और प्लस टू में लगभग 70% प्रिंसिपल के पद रिक्त हैं जिनमें 50% सीधे नियुक्ति करनी है। झारखंड के यूनिवर्सिटी और कलेजों की स्थिति बद से बदतर है। 50% से ज़्यादा प्रोफ़ेसर पद रिक्त है। नियम के ख़िलाफ़ 55% अस्थायी शिक्षक के भरोसे चल रही है विश्वविद्यालय। नियम के अनुसार सिर्फ़ 10% ही अस्थाई शिक्षक बहाल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार में रॉडमैप बनाकर शिक्षा की स्थिति में बदलाव लाया गया था। शिक्षक नियुक्ति, आधारभूत संरचना और साइकिल वितरण जैसे कार्य करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने का कार्य किया गया था। उन्होंने कहा कि 2014 में सिर्फ 3,269 स्कूलों में बेंच डेस्क थे जबकि रघुवर सरकार ने सभी 34,939 स्कूलों में बेंच-डेस्क लगवाए। राज्य के सभी स्कूलों में अब बिजली और शौचालय की व्यवस्था की गई। 2014 में राज्य में सिर्फ 32 आईटीआई थे, जबकि रघुवर सरकार के कार्यकाल में 27 नए आईटीआई बने। उनकी संख्या बढ़कर 59 हो गई है।
उच्च शिक्षा को सुलभ बनाने के दृष्टिकोण से 12 जिलों में महिला महाविद्यालय, 13 जिलों में मॉडल महाविद्यालय एवं 27 अन्य डिग्री महाविद्यालयों सहित कुल 52 नये महाविद्यालयों की स्थापना की गई है। इसके अतिरिक्त 13 पॉलिटेक्निक संस्थान भी खोले गये हैं। रघुवर सरकार ने तकनीकी शिक्षा के प्रसार हेतु कोडरमा एवं पलामू में अभियंत्रण महाविद्यालय एवं गोला में महिला अभियंत्रण महाविद्यालय का निर्माण कराया।
5 नये विश्वविद्यालयों-विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, झारखण्ड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय एवं झारखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की
स्थापना की गयी है। झारखंड में बेटियों के लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, जनजातीय बच्चों के लिए एकलव्य स्कूल और पहाड़िया बच्चों के लिए पहाड़िया दिवा कालीन विद्यालय हैं। उन्होंने कहा कि रघुवर काल में बने भवनों को हेमंत सरकार शुरू भी नहीं करवा पा रही है। युवा हेमंत सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों पर है। हेमंत सरकार पुनः युवाओं को ठगने का कार्य कर रही है। हेमंत सरकार ग़लत आँकड़े देकर युवाओं को पुनः दिग्भ्रमित करने का कार्य कर रही है।
वहीं प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पाँकी के विधायक शशि भूषण मेहता ने भी हेमंत सरकार पर हमला बोला, उन्होंने कहा कि डबल इंजन की रघुवर सरकार में उच्च तकनीकी शिक्षा को तेज़ी से आगे बढ़ाया गया था जिसे हेमंत सरकार ने रोक दिया है। पलामू में इंजीनियरिंग कॉलेज शिक्षकों के अभाव में बदहाल है। पॉलीटैक्निक कॉलेज आज तक हैंड ओवर नहीं हो पाया है। स्कूलों में प्रिंसिपल शिक्षक का घोर अभाव है। हेमंत सरकार एकलव्य विद्यालय के लिये ज़मीन उपलब्ध कराने में नाकाम है। हेमंत सरकार के शिक्षा विरोधी नीति के कारण झारखंड के युवा पलायन करने को मजबूर हैं। हेमंत सरकार से युवा निराश हैं, आंदोलन करने पर लाठी और गोली चला रही है। इस हेमंत सरकार को यहाँ के युवा ही उखाड़ फेकेंगे।
इस प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया सह प्रभारी रंजीत चन्द्रवंशी भी उपस्थित थें।