सिंदरी | गुरु गोविंद सिंह जी के साहबजादे का बलिदान दिवस मंगलवार को पतंजलि परिवार सिंदरी के तत्वावधान में रोहराबांध दुर्गा मंडप के समीप मनाया गया। इस मौके पर सभी ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित किया और श्रद्धा से नमन किया। श्रद्धा सुमन अर्पित करने का सिलसिला जारी रहा।
पतंजलि परिवार के उमा शंकर सिंह ने कहा गुरु गोविंद सिंह जी के 9 एवं 7 वर्षीय साहबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह ने बाल्यकाल में अपने धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान देकर इतिहास में नाम अंकित कर दिया। मुगल शासक द्वारा उन दो छोटे बच्चों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रताड़ित किया गया और जब उन दोनों ने इंकार कर दिया तो मुगल शासक द्वारा उन दोनों बालकों को जिन्दा दीवाल में चिनवा दिया गया। उन वीर बालको ने मौत को तो स्वीकार कर लिया लेकिन इस्लाम कबूल नहीं किया। हमें उन वीर बालकों के बलिदान से प्रेरणा लेने की अवश्यता है।
मौक़े पर उमा शंकर सिंह, राघव तिवारी, इन्दु बाला, अरविन्द पाठक, तेज नारायण तिवारी, सत्येन्द्र सिंह, चन्द्र भूषण सिंह, बिजेंद्र सिंह, ईश्वर यादव, धर्मेन्द्र यादव, किशोर यादव आदि ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। वीर कुंवर सिंह समिति की महासचिव कान्ति सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा की दोनो साहबजादों ने अदम्य साहस का परिचय दिया था जो देश के नौनिहालों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। उन्हें शत शत नमन।