सुनील ओझा के आकस्मिक निधन से पार्टी अपूर्णीय क्षति: डॉक्टर कुमार

गया।भाजपा के वरिष्ठ नेता सुनील ओझा के आकस्मिक निधन पर पूर्व कृषि मंत्री सह नगर विधायक ने भाजपा नगर कार्यालय में आयोजित शोक सभा में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बताएं कि मूल रूप से गुजरात के रहने वाले माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीब रहने वाले सुनील ओझा गुजरात के भावनगर से राजनीति में प्रवेश किए और भावनगर से दो बार विधायक भी चुने गए। उसके बाद में गुजरात भाजपा के प्रवक्ता भी रहे। 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी लोकसभा से चुनाव लड़ने का फैसला किए तो ओझा जी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने के लिए वाराणसी भेजा गया था और उन्होंने अरुण सिंह और सुनील देवधर के साथ मिलकर जिम्मेदारियों को पूरी तरह से निभाए। इसके बाद स्थाई तौर पर यूपी का सह प्रभारी के रूप में वाराणसी में ही जिम्मेदारी संभालते रहे। ओझा जी तब काफी चर्चा में आए उनके द्वारा संचालित संस्था बालमुकुंद फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने कोविड के दूसरे लहर के वक्त घर-घर खाना पहुंचाने का कार्य किया। इन्होंने हर घर गाय अभियान के साथ ही अनेक सामाजिक कार्य किए हैं। बिहार के सह प्रभारी बनाए जाने पर इनके साथ काम करने का मौका मिला। इनकी कड़ी मेहनत के कारण प्रदेश में भाजपा पार्टी का विस्तार हुआ और संगठन काफी मजबूत हुआ। इनकी आकस्मिक निधन से भाजपा को अपूर्णीय क्षति हुई है। आयोजित शोक सभा में डॉ कुमार के साथ जिला महामंत्री पप्पू चंद्रवंशी, पशु कल्याण विभाग भारत सरकार के प्रतिनिधि विकास कुमार, आई टी सेल जिला संयोजक अमित लोहनी, वार्ड पार्षद लाल बाबू, टिंकू गोस्वामी, चंदन भदानी, सुधीर सिन्हा, अक्षय कुमार, संजय कुमार, मनोज चंद्रवंशी, विमला कुमारी, मुन्ना बाबू, प्रभु नारायण, हरी यादव, धीरज कुमार, विक्की, शशांक मिश्रा, मुकेश चंद्रवंशी, दीनानाथ आदि लोग शामिल हुए

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