बिहार औरंगाबाद से धर्मेन्द्र गुप्ता
बुधवार को छठे दिन भी देव में सेविका सहायिका अपनी मांगो को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर इस बारिश में भी बाल विकास परियोजना कार्यालय के समक्ष धरना पर बैठी रही । विदित हो कि सेविका सहायिका का अनिश्चित कालीन हड़ताल 29 नवंबर से जारी है।बिहार राज्य आंगन बाड़ी सेविका सहायिका संघ के प्रखंड अध्यक्ष मंजू कुमारी,सचिव सुनीता कुमारी, कोषाध्यक्ष पुष्पा कुमारी ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए कहा कि सरकार हमलोग के साथ हक मारी कर रही है अन्य कर्मियों को मानदेय बढ़ाने के लिए पैसा है लेकिन सेविका सहायिका के लिए सरकार का खजाना खाली हो जाता है। कल्याण मंत्री मदन सहनी कहते हैं कि सेविका सहायिका मात्र चार घंटा काम करती है जबकि हमलोग से 24 घंटा काम लिया जाता है। हद तो तब हो गया की रात में भी सुपरवाइजर काम करने के लिए मेसेज करती है।ये सर्व विदित है कि करोना काल में सेविका सहायिका जान की बाजी लगा कर लोगों को सेवा की केंद्र सरकार करोना वेरिएंट का दर्जा भी दिया परंतु अपसोस के साथ कहना पड़ रहा है कीजीने खाने के लिए सम्मान जनक मानदेय नहीं दिया आज इस महंगाई के जमाने में भी 5950 रुपए सेविका तथा 29 75 रुपए सहायिका को मिलता है जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है यानी एक दैनिक मजदूर के मजदूरी से भी कम है वो भी हरेक माह नहीं दिया जाता है 5, 6 माह पर कभी कभी एक दो माह का दिया जाता है एसी प्रस्थिती में घर परिवार चलाना कठिन होता है हमलोग के साथ सरकार श्रम का शोषण कर रही है जिसको संघ कभी बर्दास्त नहीं करेगा ।सरकार हमलोग को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दे ,गुजरात की तरह ग्रेच्यूटी अविलंब लागू करे,अन्य राज्यों की भांति सरकारी करण होने तक सेविका को 25 हजार तथा सहायिका को 18 हजार मानदेय दे अगर सरकार हमारी मांगे नहीं देती है तो इससे भी उग्र आंदोलन किया जाएगा। मौके पर मुख्य संरक्षक शर्मिला कुमारी ,आशा देवी ,मनीषा कुमारी , किरण कुमारी ,रीता कुमारी ,मनोरमा देवी ,कांति कुमारी ,दुलारी देवी ,संजुक्ता देवी ,राजमनी देवी,गीता कुमारी ,नगवंती देवी , सरोज देवी,सीता देवी,सुमित्रा देवी, कबिता देवी ,चिंता देवी ,ललिता देवी,उर्मिला देवी,निर्मला कुमारी ,चंद्रावती पाठक , सहित सैकड़ों सेविका सहायिका उपस्थित थी ।