बिहार औरंगाबाद से धर्मेन्द्र गुप्ता
औरंगाबाद। जीवित्पुत्रिका व्रत को वर्तियो में लेकर में संयम की स्थिति बनी हुई है कुछ लोगो से 6 अक्टूबर को बनाए जाने की बात कही जा रही है तो कुछ लोग 7 अक्टूबर को
इसी बीच औरंगाबाद शहर के चर्चित ब्राम्हण डब्लू कुमार पाण्डेय ने बताया कि जीवित्पुत्रिका व्रत 7 अक्टूबर को मनाया जाएगा
वर्तियों को संशय को देखते हुए राष्ट्रीय ब्राम्हण महासंघ की वर्चुअल मिटीन में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सप्तमी युक्त अष्टमी में जीवित्पुत्रिका व्रत नही किया जाता है ऐसे में आश्विन माह के कृष्ण पक्ष उदया तिथि अष्टमी में जीवितपुत्रका व्रत मनाया जाएगा।
डब्लू कुमार पाण्डेय बताते हैं कि 6 अक्टूबर की सुबह 9.34 तक सप्तमी तिथि है इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू हो रही है इस तरह अष्टमी उदया तिथि में प्राप्त नहीं हो रही है जबकि उदया तिथि में अष्टमी मिलने से व्रत करना चाहिए। शास्त्र करता है कि सप्तमी रहित अष्टमी तिथि व्रत करना चाहिए। वे बताते हैं कि 7 अक्टूबर को सुबह 10:32 तक अष्टमी तिथि है जो उदया तिथि में मिल रहा है। इसलिए जिउतिया पर्व 7 अक्टूबर को करना चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि सप्तमी में सूर्योदय के बाद प्रदोष पड़ रहा है यानी चंद्रोदय में अष्टमी तिथि हो रही है जो शास्त्र के अनुसार ठीक नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि व्रत से एक दिन पहले 6 अक्टूबर को ने है खाए और 8 अक्टूबर को सूर्योदय के बाद किसी भी समय पारण किया जा सकता है।