गया में दो मंजिला मकान गिरा, मलबे में भाई-बहन दबे, प्रशासन की कोई मदत नहीं, मोहल्ले के लोगों ने किया रेस्क्यू

गया।प्रतिनिधि धीरज गुप्ता।

गया जिले के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र अंतर्गत नादरागंज मोहल्ले के बड़ी दहू के समीप देर रात 12 बजे के करीब दो मंजिला मकान अचानक धराशायी हो गया। मकान के धराशायी होने से पूरे मोहल्ले में जोरों की आवाज हुई। जिसके बाद उसे मोहल्ले के सभी लोग आवाज़ सुनकर घर से बाहर निकले, आवाज आने वाली जगह पर पहुंचे तो देखा कि नंदू प्रसाद ठाकुर का दो मंजिला मकान धराशाई हो गया है। और पूरी तरह मलवे में तब्दील हो गया है, उक्त मलवे से कराहने की आवाज आ रही थी, जिसके बाद मोहल्ले के वार्ड संख्या 38 के पार्षद मोहम्मद कलाम समेत खुर्शिद आलम समेत पूरे मोहल्ले के लोग मलवा हटाने में जुट गए।
वार्ड संख्या 38 के पार्षद सह मोहल्ले के निवासी मोहम्मद कलाम सेमत दर्जनों लोगों ने दो मंंजिला इमारत गिरने के बाद देर रात रेस्क्यू कर मलबे में दबे दोनों भाई-बहन को बाहर निकाला और गंभीर अवस्था में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कारण. वही मोहम्मद कलाम का कहना है कि देर रात हम लोग को कुछ समझ में नहीं आ रहा था, जिसके बाद पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन के कुछ पदाधिकारी को फोन किया, लेकिन उन लोगों से कोई सहयोग नहीं मिल पाया. इसके बाद मोहल्ले के सहयोग से हमलोगों ने मलबे को हटाया और दोनों को बाहर निकाला गया है।
मुस्लिम परिवारों ने मिलकर मलबे को हटाया और अंदर से नंदू ठाकुर और उनकी बहन मुन को बाहर निकाला, दोनों की स्थिति गंभीर बने हुई थी।
दोनों को इलाज के लिए जयप्रकाश नारायण अस्पताल ले जाया गया, जहां से मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल भेज दिया गया है। मंगलवार को पटना ले जाने के क्रम में गंभीर रूप से घायल नंदू ठाकुर की मौत रास्ते में हो गई है। वहीं बहन मून का अस्पताल में इलाज चल रहा है।नादरागंज मोहल्ले के बड़की दहू के रहने वाले मृतक नंदू ठाकुर के पड़ोसी मोहम्मद खुर्शीद आलम ने बताया सोमवार की देर रात लगभग 12:30 के बीच में नंदू ठाकुर का मकान धराशाई हो गया है, जिसमें पूरे मोहल्ले के लोगों के सहयोग से मलवे में दबे नंदू ठाकुर और उनकी बहन मून को बाहर निकाला गया है। दोनों की स्थिति गंभीर देखते हुए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां नंदू ठाकुर की मौत मंगलवार की सुबह पटना ले जाने के क्रम में हो गई है।वहीं उनकी बहन मून का इलाज अस्पताल में चल रहा है। उनका कहना है कि इस घर में मात्र एक भाई और बहन रहते थे और यह घर काफी जर्जर था। जिसे लेकर कई बार नंदू ठाकुर से बोले थे, इसे बनवा लीजिए लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया, जिस कारण इस तरह की बडी घटना घटी है।

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