डुमरी उपचुनाव से पहले ही झामुमो ने स्वीकारी हार

झारखंड को भ्रष्टाचार,कुशासन ,महिला उत्पीड़न ,जमीन लूट,तुष्टिकरण से बचाने केलिए भाजपा घर घर जायेगी : अरुण उरांव

रांची | असम भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के सह प्रभारी एवम सीसीएल के स्वतंत्र निदेशक डॉ अरुण उरांव ने आज झामुमो पर बड़ा पलटवार किया। श्री उरांव झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे थे।डॉ उरांव ने कहा कि झामुमो को अपनी चिंता करनी चाहिए भाजपा एक सशक्त विपक्ष की भूमिका हर क्षण निभा रही है। पार्टी सड़क से सदन तक जन भावनाओं को व्यक्त कर रही है। जिसे जनता का अपार जन समर्थन मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य को सत्ता संपोषित भ्रष्टाचार,खान खनिज की लूट, मुख्यमंत्री और उनके रिश्तेदारों से हो रही आदिवासी जमीन की बेहिसाब लूट,बहन बेटियों के साथ हो रहे दुष्कर्म ,हत्या ,राजधानी सहित प्रदेश भर में हो रही आदिवासी,दलित,पिछड़ों की खुलेआम हत्या से मुक्ति दिलाने केलिए संकल्पित है। और इसी संकल्प के साथ प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्र में संकल्प यात्रा के माध्यम से जनता के बीच जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि झामुमो की बौखलाहट स्वाभाविक है। लेकिन झामुमो को समझना चाहिए कि भाजपा नुक्कड़ क्या राज्य को भ्रष्ट शासन से मुक्त कराने केलिए घर घर जायेगी और जा रही है।
उन्होंने कहा कि झामुमो को जनता के सवाल और भाजपा के संकल्प अब चुभने लगे हैं। ठगबंधन की राज्य सरकार ने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया। उल्टे राज्य को खान खनिज की लूट,आदिवासी जमीन की लूट,हत्या,बलात्कार,तुष्टिकरण का उपहार दिया है। और इसके संरक्षक बरहेट विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में अगर बाबूलाल जी ने जड़ पर प्रहार करने का संकल्प लिया है तो झामुमो की बेचैनी जनता समझ सकती है।उन्होंने कहा कि सुप्रियो भट्टाचार्य का यह वक्तव्य बिल्कुल सही है कि भाजपा की संकल्प यात्रा से जनता में नाराजगी और बढ़ेगी। निश्चित तौर पर बढ़ेगी और हेमंत सरकार के खिलाफ बढ़ेगी। क्योंकि यात्रा में सच्चाई और सामने आएगी।उन्होंने कहा झामुमो प्रवक्ता को न स्वतंत्रता संग्राम की जानकारी है और न देश के इतिहास की। आरएसएस तो उनकी बुद्धि से बाहर का संगठन है इसलिए अच्छा होता झामुमो प्रवक्ता तथ्यों का अध्ययन करके बोलते।
डुमरी उपचुनाव पर झामुमो प्रवक्ता के बयान से स्पष्ट हो गया की झामुमो ने अपनी हार नामांकन से पहले ही स्वीकार कर ली। रामगढ़ उपचुनाव में मिली करारी हार से ठगबंधन के माथे पर चिंता की लकीर बढ़ गई है। झामुमो को गठबंधन की दरारें परेशान कर रही हैं।उन्होंने कहा कि झामुमो को अगर स्व जगरनाथ महतो जी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करनी है तो उनकी पत्नी को मंत्री ही क्यों मुख्यमंत्री बनाकर दे। क्योंकि झामुमो प्रवक्ता ने स्वीकार किया कि झामुमो में स्थानीय मुद्दों के सबसे बड़े पक्षधर जगरनाथ महतो ही थे।

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