खुलेआम सी पी एम नेता सुभाष मुंडा की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या की

रांची – देवेंन्द्र शर्मा

रांची : झारखंड की राजधानी रांची अपराध और अपराधिक घटना के कारण “क्राइम सिटी” के रुप में अपनी पहचान बना ली है।अपराधियों को न त सरकार से और न ही प्रशासन से ही कोई भय है । राजनीतिक संरक्षण और सुरक्षा के बीच अपराधी लुट हत्या, छिनतई समेत गंभीर अपराधिक घटना को अंजाम देकर खुले रुप में विचरण कर रहे है।बुधवार को राजधानी के घने आवासीय क्षेत्र नगड़ी थाना क्षेत्र में सी पी एम नेता सुभाष मुंडा की देर रात उनके औफिस में गोली मारकर हत्या कर दी गई। अपराधी दो पहिया वाहन में बैठ कर आये और सुभाष मुंडा को आठ गोली से भूनकर आराम से चलते बने।राजधानी में हत्या की घटना अब कोई आश्चर्य का बिषय नही माना जा रहा ।रोज दो तीन हत्या, लुट ,डकैती के साथ छिनतई की घटना रिकार्ड की जा रही है।सरकार भी इस बात को लेकर चिंतित और बेचैन हो रही है।तीन माह मे सरकार ने राज्य के तमाम शीर्ष पुलिस अधिकारीगण के साथ बैठक कर चुके है।हर बैठक के बाद सरकार डी जी पी को मुस्तैद से कार्रवाई का निर्देश देती है ।परन्तु ठीक इसके विपरीत अपराध पर अंकुश लगाने के बजाय घटना में और वृद्धि आ जाती है।चार दिन पहले ही सी एम हेमन्त सोरेन ने अपराध की घटना पर समीक्षा बैठक के उपरांत अपराध नियंत्रण के लिए पन्द्रह दिनों का समय दिया था ।मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश का भी पुलिस अघिकारियों पर कोई असर नही दिखाई दिया।रांची पुलिस हेलमेट और गाड़ी के पेपर चेकिंग में ही व्यस्त नजर आती है।लोगो का यह खुला आरोप है कि पुलिस को अपनी ड्युटी में कर्तव्य निष्ठा के साथ कार्य करना चाहिए। पुलिस जब अपराधियों के साथ बैठ कर भ्रष्ट्राचार की गंगा में डुबकी लगायेगी तब निष्पक्षता से ड्युटी की बात करना उचित नही है।सुभाष मुंडा की हत्या पर एस आई टी गठित कर दिया गया है और नगरी थाना प्रभारी को निलंबित भी किया जा चुका है ,पर एस आई टी और निलंबन ही खानापूर्ति की रस्म अदायगी से अपराध पर अंकुश लग पायेगा ।पुलिस के द्वारा निर्दोष लोगो के साथ मारपीट भयादोहन की घटना में वृद्धि आई है।अपराधी पुलिस अधिकारी के साथ मनोरंजन करते अधिक नजर आते है।झुठे केस में निर्दोष को फसा कर भयादोहन की बात रोज सामने आती रहती है परन्तु सरकार और न ही पुलिस प्रशासन उन भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों पर कोई सख्त कदम तक नही उठाती है और न ही दंडित किया जाता है।पुलिस की इस लचर उपेक्षापूर्ण कार्रवाई से हर दिन एक परिवार यतीम होकर सड़क पर आ रहे है।

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