भुली। सावन का महीना और भगवान शिव के विशेष आराधना का समय डंग माता पार्वती की अर्चना यह सब मिलकर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देता है। और इसी सावन मास में मिथिला की सुहागिन मिथिलानियों द्वारा मधुश्रावणी पर्व मनाया जाता है।
इस पर्व को नव विवाहिता द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव व माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
नव विवाहित इस पर्व को बड़े उत्साह से मनाती हैं। रोज विभिन्न फूलों से थाली सजाती हैं और भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा करती है। पूरे व्रत के दौरान एक ही कपड़े का उपयोग किया जाता है।
नव विवाहित वसुंधरा झा अपने पति अवधेश के लिए यह व्रत कर रही हैं। वसुंधरा झा ने बताया कि शादी के पहले सावन मास में इसपर्व का मना रही है। भगवान शिव व माता पार्वती की विशेष पूजा व कथा का विधान है। मधुश्रावणी पर्व में विशेष पूजा के लिए कोबर लिखा जाता है। जिसमेभगवान सूर्य के साथ चंद्रमा, पेंड, जीव – जंतु, बिषहरि व दूल्हा दुल्हन की आकृति बनाई जाती है। उसी स्थान पर शिव व पार्वती की पूजा कर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा जाता है।
इस बार अधिमास के कारण 14 दिनों का मधुश्रावणी अगस्त तक मनाया जाएगा इस दिन पर्व का समापन टेमी दागने की प्रथा के साथ किया जाता है।