आस्था या अंधविश्वास ?
कांड्रा . शिव मंदिर में नंदी को दूध पिलाने का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है. इसे आस्था कहें या अंधविश्वास .लेकिन इस तरह का मामला सामने आने के बाद से लोगों का कौतुहल बढ़ता जा रहा है. मंदिर में नंदी की प्रतिमा को दूध व जल पिलाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई. सैकड़ों भक्त घरों से दूध और पानी लेकर नंदीमहाराज को चम्मच से पिलाते हुए नजर आ रहें है.
भक्त गिलास, कटोरी और चम्मच से नंदी महाराज को दूध पिला रहे हैं. मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. श्रद्धालु लगातार पूजा-पाठ के लिए मंदिर में आ रहे हैं.इलाके के कुछ लोग इसे चमत्कार कह रहे थे तो कुछ लोगों ने इसे अंधविश्वास भी बताया है .
कांड्रा बाजार की महिला बेबी साव ने सबसे पहले नंदी महाराज को पिलाया दूध
कांड्रा पंचायत स्थित कांड्रा बाजार की एक महिला बेबी महतो ने कांड्रा बाजार स्थित शिव मंदिर में जाकर नंदी महाराज को दूध चढ़ाया, तभी नंदी ने दूध पी लिया. इसकी जानकारी जब गांव के अन्य लोगों को हुई तो मंदिर में काफी तादात में भक्तों की भीड़ जमा हो गई. हर कोई श्रद्धालु हाथों में दूध लेकर मंदिर की ओर पहुंचने लगा. शिव मंदिर में नंदी महाराज को दूध पिलाने का सिलसिला शुरू हो गया. महिलाएं, बच्चे और पुरूष मंदिर में दूध पिलाते हुए देखे गये. नंदी महाराज भी शिव मंदिर में दूध पीते हुए दिखाई दे रहे हैं. श्रद्धालु महिलाएं इसे आस्था बता रहीं हैं.
भक्तों ने अपने हाथों से पिलाया दूध
कांड्रा बाजार की महिला बेबी साव ने बताया कि काफी संख्या में लोग नंदी महाराज को दूध पिलाने के लिए आ रहे हैं. नंदी महाराज दूध पी रहे हैं. उन्होंने भी अपने हाथ से दूध पिलाया है. श्रद्धालुओं में काफी आस्था है और मंदिर में भक्तों की भीड़ लग रही है. वही कांड्रा एसकेजी कॉलोनी स्थित वार्ड नंबर 13 कांड्रा एसकेजी क्लब स्थित शिव मंदिर में भी नंदी महराज को दूध पीते देख वहाँ भी सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष एवं बच्चे उपस्थित हुए और नंदी महाराज को दूध पिलाया .
इन सभी चीजों को देखते हुए अंदाजा लगाना मुश्किल है की इसे आस्था है कहें या फिर अंधविश्वास. श्रावण मास के दौरान विभिन्न जगहों में नंदी महाराज के दूध व जल पीने का मामला सुर्खियों में आता है.