मातृ दिवस
जो बिना बताए
पढ़ ले मन को,
सुलझा दे
उलझनें,
वो मां
होती है,
शब्दों में मां को
परिभाषाशित
नहीं किया
जा सकता,
मां सिर्फ़ मां होती है ,
दुनिया से विदा होकर भी
साऐ की तरह
मंडराती रहती है,
तुम्हारे आस-पास,
ईश्वरीय रूप है मां ,,,
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मातृ दिवस
जो बिना बताए
पढ़ ले मन को,
सुलझा दे
उलझनें,
वो मां
होती है,
शब्दों में मां को
परिभाषाशित
नहीं किया
जा सकता,
मां सिर्फ़ मां होती है ,
दुनिया से विदा होकर भी
साऐ की तरह
मंडराती रहती है,
तुम्हारे आस-पास,
ईश्वरीय रूप है मां ,,,