कांड्रा के आजाद बस्ती में धूमधाम के साथ मनाई गई मां मंगला की पूजा

पूजा के लिए तपती धूप में घट लाकर भक्तों ने मांगी सुख-समृद्धि

कांड्रा। मंगलवार को कांड्रा पंचायत के विभिन्न गांवों एवं मोहल्लों में मां मंगला की पूजा कर आशीर्वाद लिया गया। इसके बाद सुख, समृद्धि की कामना करते हुए मन्नत मांगी गई।कांड्रा स्थित छोटा तलाब से पारंपरिक बाजे-गाजे के साथ घट यात्रा निकाली गई। इस दौरान जगह-जगह पर मां मंगला की पूजा हुई। मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालुओं ने मुर्गा की बली दी। कांड्रा के आजाद बस्ती, कांड्रा कंचन पाड़ा, एस0के0जी0 मुखीय कॉलोनी , कांड्रा बाना डुंगरी, समेत विभिन्न वार्डों में पूजा की गई।इस दौरान महिला भक्त माथे पर घट(कलश) ढोकर चल रही थीं। वहीं घट के आने के इंतजार में श्रद्धालु प्रसाद लेकर सड़क के किनारों पर खड़े रहते देखे गए। वहीं कई जगहों पर घरों में भी मां मंगला की पूजा की गई कांड्रा आजाद बस्ती में सूरज मुखी एवं उनकी धर्मपत्नी के द्वारा आज मंगला पूजा विगत 76 वर्षो से मनाते आरहे है।वही कांड्रा आजाद बस्ती में सूरज मुखी और राजू मुखी के घर में मंगला पूजा कई वर्षो से की जा रही है।इस दौरान सूरज मुखी ने कहा कि वे मां मंगला से यही प्रार्थना करते हैं कि उनकीय कृपा से समाज, राज्य व देश का विकास हो ताकि लोग आनंदमय जीवन व्यतीत कर सेंके

इस मौके पर के सूरज मुखी ने मां पार्वती के 108 रूपों का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि मां पार्वती के इन्हीं 108 रूपों में एक मां मंगला है। मां अपनी पूजा के लिए भक्तों के दरवाजे भटकती हैं। उन्होंने कथा सुनाते हुए कहा कि एक दिन मां मंगला भटकते-भटकते एक मुखी परिवार के दरवाजे पर पहुंचीं। जर्जर काया एवं अति दीन-हीन हालत में दिखने के कारण उन्हें कोई नहीं पहचान सका।मां मंगला मुखी परिवार के दरवाजे पर पहुंची और पानी मांगने लगी। यह सुनकर बुजुर्ग महिलाएं पानी लेकर जब उन्हें पिलाने लगी तो देखा कि उनके माथे पर चारों ओर आंखें हैं। महिलाओं ने हाथ जोड़ा और पूछने लगीं कि आप कौन हैं? मंगला देवी अपना परिचय देते हुए देते हुए कहा कि मैं आपके शरण में आयी हूं, चैत महीने के आखिरी मंगलवार को मेरी पूजा करने से आप धन-धान्य होकर रोग-व्याधि से मुक्त रहेंगे। इस पर मुखी परिवार ने हाथ जोड़ते हुए कहा कि वे निर्धन एवं गरीब हैं। पूजा कैसे कर सकते हैं। मंगला मां ने कहा जंगल से नया फल आम, केंदू, चाहार, फल-फूल तथा गुड़ दीया से पूजा हमें स्वीकार होगी। यह कहकर मां मंगला अन्तर्धान हो गईं। तभी से यह पूजा मुखी समाज के लोग बड़ी श्रद्धा एवं लगन के साथ करते हैं।

इस अवसर पर मुख्य रूप से सूरज मुखी,राजू मुखी,बल्ले मुखी,अमित मुखी,विनोद ताँती,ससी दास,शंकर नायक,विकास दास,डोली देवी,नीतू मुखी उपस्थित थे

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