भारत सरकार ने मातृ प्रसवकालीन एवं बाल मृत्यु निगरानी तथा समीक्षा के लिए तैयार किया है पोर्टल
जयप्रकाश नारायण अस्पताल में प्रमंडल के पांच जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम
गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का प्रयासों की समीक्षा भी समय समय पर की जा रही है. इसे लेकर वृहस्पतिवार को समीक्षा सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन शहर के जयप्रकाश नारायण अस्पताल में किया गया है।. दो बैच में आयोजित होने वाला यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार तक चलेगा. इस समीक्षा सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में मगध प्रमंडल के सभी पांच जिला के वरीय स्वास्थ्य अधिकारी शामिल होंगे।प्रमंडल स्तर पर होने वाले इस समीक्षा मीटिंग के दौरान मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के हो रहे कार्यों को लेकर आवश्यक रणनीति पर चर्चा की गयी है।
इस समीक्षा सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ नीता अग्रवाल एवं अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. समीक्षा मीटिंग में गया जिला के सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिन्हा, डीपीएम नीलेश कुमार, यूनिसेफ से संजय कुमार सहित विभिन्न जिलों के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी, जिला अस्पतालों के गाइनेकोलॉजिस्ट सहित सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मौजूद रहे हैं।
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक शैलेश कुमार ने कहा कि प्रमंडल के पांचों जिला में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य का बहुत अधिक ध्यान रखा जा रहा है. गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव, उनके एवं शिशु के शतप्रतिशत टीकाकरण पर जोर है। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अपने स्तर से अपने क्षेत्र में होने वाले संस्थागत तथा घरों में होने वाले प्रसव का डाटा अवश्य जमा करे।इस बताया कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलने से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में लगातार कमी आयी है। वहीं प्रमंडल में गर्भवती और बच्चों के नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने संबंधी रणनीति पर चर्चा किया गया है।
इस दौरान डॉ नीता अग्रवाल ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु संबंधी जानकारियों को नये एमपीसीडीआर यानि मैटरनल, पेरीनेटल, चाइल्ड हेल्थ सर्विलांस एंड रिस्पांस पोर्टल पर देना जरूरी है।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा तैयार इस वेबसाइट का पासवर्ड सभी स्वास्थ्य संस्थानों को दिया गया है। अब नौ तारीख के अलावा 21 तारीख को भी प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया जाना है। इसके अलावा हेल्थ मैनेजमेंट इंर्फोमेशन सिस्टम तथा अश्विन पोर्टल पर भी चर्चा की गयी है।
डॉ नीता अग्रवाल ने एमपीसीडीआर पोर्टल की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि भारत में हर वर्ष डेढ़ करोड़ से अधिक महिलाएं गर्भावस्था धारण करती हैं और दुर्भाग्यवश इनमें से कुछ गर्भवती महिलाओं और शिशु की मृत्यु हो जाती है।इस दिशा में अक्टूबर 2019 में सुरक्षित मातृत्व आश्वासन यानि सुमन कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।इस सुमन योजना का एक प्रमुख उद्देश्य मातृ एवं एक वर्ष तक के शिशुओं के मृत्यु संबंधित रिपोर्टिंग और समीक्षा व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण करना है।इसी उद्देश्य से भारत सरकार ने मातृ प्रसवकालीन एवं बाल मृत्यु निगरानी एवं समीक्षा के लिए एक इंटीग्रेटेड इंफोर्मेशन पोर्टल एमपीसीडीएसआर बनाया है. इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि देश भर की मातृ एवं बाल मृत्यु की रियल टाइम रिपोर्टिंग और रिकॉर्डिंग की सुविधा है।राष्ट्रीय, राज्य, जिला एवं प्रखंड स्तर पर आइसीडी वर्गीकरण के हिसाब से मृत्यु के कारणों के आकलन में सहायता प्रदान हो सकेगा।