प्रतिनिधि – तरुण चंद्र राय
भुली। भुली शिवपुरी स्थित महर्षि मेंहीं आश्रम में बाबा सकलानंद जी महराज ने संतमत प्रार्थना प्रबोध पुस्तक को लेकर कहा कि मानव जीवन मे प्रार्थना का बहुत महत्व है। किससे प्रार्थना करनी चाहिए और कब करनी चाहिए जैसे आध्यात्मिक पक्षों को लेकर बाबा सकलानंद जी महाराज ने कहा कि सत मार्ग से ही जीवन सफल हो सकता है। सिर्फ मनुष्य जन्म से जीवन सफल नही होता। वरण सत कर्म से जीवन सफल होता है। जीवन मे सत कर्म ही तय करता है कि हमें कितना आनंद मिलेगा, कितनी खुशी मिलेगी और इस आनंद व खुशी के लिए हमें किस मार्ग पर चलना होगा। आनंद व खुशी के बीच सामंजस्य कैसे स्थापित होता है।
बाबा सकलानंद ने कहा कि मानव कर्मो का भाव क्या होना चाहिए जैसे विषयों पर गहन चिंतन व मंथन की जरूरत है। सांसारिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए भी हम सत मार्ग पर चल सकते हैं और संतमत प्रार्थना प्रबोध में इन्ही विषयों को समाहित किया गया है।
महर्षि मेंहीं आश्रम के व्यवस्थापक अध्यक्ष मनमोहन सिंह ने कहा कि बाबा सकलानंद जी महाराज की कई पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं जिनके माध्यम से मानव जीवन को सत मार्ग व सत कर्म की ओर मोड़ा जा सकता है।