दुर्ग : नवजीवन हॉस्पिटल चिखली धमधा रोड दुर्ग इन दिनों वैश्विक महामारी नोबेल कोरोना वायरस से दुर्ग भारत के टॉप 10 जिलों में से एक है शासन प्रशासन व्यवस्थाओं को सुधारने में लगा है लेकिन शासन प्रशासन की लाख कोशिशों को बाद भी कुछ अस्पतालों की लापरवाही के चलते जहाँ लोगो की मौत हो रही है और उनके परिजनों से दोयम लहजे में बात कर बदतमीज़ी करने से भी नही चुक रहे है जो कही न कही शासन प्रशासन की मेहनत पर पानी फेरता दिखाई दे रहा है।ऐसा ही एक मामला 3 दिन पहले एक वीडियो के वायरल होने पर सामने आया इसमे एक व्यक्ति की मौत के बाद अस्पताल के सभी स्टाफ अस्पताल छोड़कर फरार हो गए।हम जिस अस्पताल की बात कर रहे है वह अस्पताल जिला मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर की दुरी पर संचालित है।वायरल वीडियो के मद्देनजर जब हमारे प्रतिनिधि ने ग्राउंड लेवल की पड़ताल की शुरु करने अस्पताल पहुचे तो वहाँ खड़े मरीज के परिजनों ने जो जानकारी दी उसको सुनकर हम दंग रह गए।मरीजो के परिजनों ने बताया कि महिलाओं से तू रे टे की भाषा में बात की जाती है उसके अलावा यहां किसी भी प्रकार की सुविधा नही है।मरीज के परिजनों को अस्पताल के बाहर रखा गया है जहाँ महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल तो खड़े होते ही है वही उनके प्रसाधन की कोई व्यवस्था नही की गई है।
परिजनों ने यह भी बताया कि अस्पताल के शौचालय में गंदगी का अंबार है वहाँ भी शौचालय में पानी नही है पीने के पानी की बात यो बहुत दूर की है।
वही कुछ परिजनों ने यह भी बताया कि इलाज के नाम पर ये लोग लूटने का काम कर रहे है ।हमको यह बोला जाता है कि 10000 रुपये आपको अस्पताल में जमा करना है और अगर आज नही किये तो 10000 के बदले कल 20000 जमा करना पड़ेगा।इस तरीके से परिजनों को रोज परेशान किया जा रहा है।बहरहाल इन व्यवस्थाओं के बीच दुर्ग जिला प्रशासन कोरोना से जंग लड़ने का दम जरूर भर रहा है लेकिन कही न कही बढ़ रहे मौतों के आंकड़ो में लगातार वृद्धि हो रही है। अब भी जिला प्रशासन ऐसे अस्पतालों की जांच कर तालाबंदी की कार्यवाही नही करता है तो आने वाले समय मे भी मौत के आंकड़ो पर ब्रेक लगाना बहुत मुश्किल होगा।