गया। सामाधान यात्रा में आए मुख्यमंत्री ने नीरा उत्पादक समूह द्वारा लगायी गयी नीरा उत्पादन चक्र की प्रदर्शनी का किया निरीक्षण किया गया,, नीराउत्पादकों को हरसंभव मदद के दिये निर्देश मुख्यमंत्री के द्वारा आज ‘समाधान यात्रा के क्रम में गया जिले के बोधगया प्रखंड स्थित ग्राम पंचायत इलरा में नीरा उत्पादक समूह द्वारा लगायी गयी नीरा उत्पादन चक्र की जीवंत प्रदर्शनी का निरीक्षण किया गया है। गरीबी निवारण हेतु बिहार सरकार की एक पहल नीरा से आजीविका संवर्द्धन के तहत लगाई गई इस जीवंत प्रदर्शनी में नीरा उत्पादक समूह द्वारा नीरा से पेड़ा , तिलकुट , लाई सहित बनाये जा रहे अन्य उत्पादों के बनाने की प्रक्रिया के संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है। नीरा संग्रहण सह विपणन केंद्र एवं जीविका दीदियों द्वारा ताड़ के पेड़ से बनी चटाई, मौनी, पंखा आदि से संबंधित लगाये गये स्टॉल का भी मुख्यमंत्री ने मुआयना किया गया है।
मुख्यमंत्री को बताया कि पहले ताड़ के पेड़ से ताड़ी उतारने का काम करते थे जिसमें प्रतिष्ठा भी नहीं रहती थी। हमसे ही ताड़ी पीकर लोग हमें गाली-गलौज भी किया करते थे, बावजूद इसके परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मजबूरन ताड़ी बेचना पड़ता था। शराबबंदी के बाद राज्य सरकार के निर्देशानुसार हमलोग ताड़ी से नीरा बनाने का काम करने लगे हैं। हमलोगों का मान-सम्मान बढ़ा है। आमदनी भी बढ़ी है। मुख्यमंत्री के समक्ष नीरा उत्पाद के काम में लगी जीविका दीदियों ने शराबबंदी एवं नीरा उत्पादन से जीवन में आये बदलाव से संबंधित गीत प्रस्तुत किया गया है।इस संबंध में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि नीरा से पेड़ा, लाई, तिलकुट आदि तरह-तरह के उत्पाद तैयार हो रहे हैं यह काफी स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्द्धक होता है। इसका ठीक ढंग से प्रचार-प्रसार कराएं जिससे ताकि इनकी और अधिक आमदनी बढ़ सके। ताड़ के वृक्ष से भी कई तरह की चीजें बन रही हैं। उन्होंने कहा कि नीरा उत्पादक बहुत ही बेहतर ढंग से काम कर रहे हैं। इन्हें सरकार की तरफ से हरसंभव मदद उपलब्ध करायी जाय।इस संबंध में
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बिहार में वर्ष 2019 में नीरा का उत्पादन शुरू कराया गया है। इसके बाद कोरोना का संक्रमण शुरु होने के कारण नीरा का उत्पादन प्रभावित हुआ है। पिछले वर्ष जब हम यात्रा पर थे हमने सभी लोगों से बातचीत कर कहा कि नीरा का उत्पादन होना चाहिए। अब सभी जगहों पर नीरा उत्पादन का काम हो रहा है। सूर्योदय के पहले ही नीरा को पेड़ से निकालना है। नीरा काफी स्वादिष्ट होता है। नीरा से मिठाई समेत एक-एक तरह की चीजें बनती हैं यहां पर खजूर के पेड़ से नीरा निकालकर कई प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाये जा रहे हैं। नीरा के उत्पादन पर हम शुरू से जोर देते रहे हैं। यहां पर काफी अच्छा काम हो रहा है। इससे लोगों की आमदनी बढ़ेगी। हमने लोगों से पहले ही कह दिया है कि ताड़ी का काम छोड़कर नीरा का उत्पादन कीजिए। इसके लिए जो भी मदद की जरूरत है वह सरकार करेगी सरकार प्रति परिवार एक लाख रुपये तक की मदद करने को तैयार है। आगे जरूरत पड़ेगी तो और भी मदद की जायेगी। नीरा उत्पादन के लिए लोगों को प्रेरित करते रहना जरुरी है नीरा उत्पादन के प्रति लोग अब प्रेरित हो रहे हैं। मुझे आज यहां आकर देखनेका मौका मिला है। नीरा का उत्पाद देखकर मुझे काफी खुशी हुई है। बिहार के कई इलाकों मेंताड़ और खजूर के काफी पेड़ हैं। इनसे काफी मात्रा में नीरा का उत्पादन हो सकता है। सभी
लोग जब नीरा का उत्पादन करने लगेंगे तो उनकी आमदनी काफी बढ़ेगी। नीरा का उपयोगकरने से लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा। शराब काफी नुकसानदायक होता है उसकी जगह पर नीरा का सेवन करने से लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा।