झारखंड कुशवाहा महासभा ने सावित्रीबाई फुले की 192वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि

धनबाद: पुराना बाजार, प्रतापदल सभागार में झारखंड कुशवाहा महासभा, धनबाद के अध्यक्ष लालबाबू कुशवाहा की अध्यक्षता में देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की 192 वीं जयंती मनाई गई। आयोजित सभा में सावित्री बाई फुले की तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देकर नमन किया गया। श्रद्धांजलि सभा में मुख्य रूप से उपस्थित हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव रविंदर वर्मा ने कहा उन्होंने 9 महिलाओं को लेकर 1948 में पुणे में एक पहला स्कूल चालू किया तो समाज से बहिष्कार और घृणा का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने इस विरोध के बावजूद एक के बाद एक कई स्कूल खोले और बालिकाओं की शिक्षा की अलख ज्योत जलाई। हमारे देश की लड़कियों और महिलाओं के लिए वे पथ प्रदर्शक और प्रेरणा स्रोत है उन्होंने समाज के सभी वर्ग और अस्वीकृत तबके के लड़कियों एवं महिलाओं के लिए शिक्षा की व्यवस्था की। देश में लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा में सावित्रीबाई फुले की विशेष भूमिका रही है। उन्होंने कहा स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने अपने भाषण में कहा था कि मेरी मेरे प्रधानमंत्री बनने में, मेरी शिक्षा में मेरे माता-पिता से बढ़कर सावित्री बाई फुले की अहम प्रेरणा थी सर्वप्रथम महिलाओं के लिए सावित्रीबाई फुले शिक्षा की अलख पूरे देश में जलाई थी। उन्होंने कहा झारखंड में सावित्रीबाई फुले के नाम से योजना चलाई गई है लेकिन इस से काम नहीं चलेगा मैं अपने अध्यक्ष से यह अपील करता हूं कि एक प्रस्ताव पारित करके झारखंड सरकार को हर क्षेत्र में सावित्रीबाई फूले यूनिवर्सिटी की मांग सरकार से शीघ्र किया जाए ताकि उनके जीवनी उनके महिलाओं की शिक्षा के लिए संघर्ष, उनके त्याग सभी लोग जाने और हमारा देश और शिक्षित हो। कुशवाहा महासंघ के अध्यक्ष लालबाबू कुशवाहा ने कहा अभी भी देश में महिलाओं की पढ़ाई में बहुत सारी क्षेत्रों में बाधाएं हैं स्कूल कॉलेजों की दूरी है इसके लिए सरकार को, अभिभावकों को और हम सबको मिलकर चिंतन मनन कर देश में 100% महिला को शिक्षित करने की जागृति लाने की दिशा में नितांत कार्य करने की आवश्यकता है। उपस्थित राजीव रंजन बौद्धसाथी ने कहा समाज को शिक्षित करो, संगठित करो, शिक्षा तभी समाज का भविष्य उज्जवल और विकासशील निर्माण होगा। श्रद्धांजलि सभा में लाल बाबू सिंह,रविन्द्र वर्मा, प्रोफेसर एस. एन.तांती, घारी सिंह बौद्ध, राजीव रंजन बौद्धसारथी, प्रेम बच्चन दास, शम्भु बौद्ध, रामप्रवेश प्रसाद,तारीक अंसारी, शंकर मंडल, राजेन्द्र कुमार बौद्ध, डा बालेश्वर कुशवाहा, जितेंद्र कुशवाहा, रंजीत सिंह, इन्द्रभूषण कुशवाहा, अनिल यादव, प्रभुनाथ प्रसाद, मुन्ना कुशवाहा, अशोक बौद्ध, गोबिन्द मंडल, राजीव साव, राज कुमार सोनकर,संजय कुशवाहा, बबन कुमार, संतोष कुशवाहा,मुकेश कुमार, अशोक बौद्ध,सुभाष दास, दिनेश प्रसाद,मुकेश वर्मा,ललन प्रसाद सिंह,अमर प्रसाद समेत समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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