कविवर सुरेंद्र नाथ सक्सेना श्रेष्ठ साहित्यकार थे – प्रेम किरण


पटना, कविवर सुरेंद्र नाथ सक्सेना की स्मृति में चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान, पटना और श्री साहित्य कुंज, रांची के संयुक्त तत्वावधान में एक काव्य संध्या आयोजित की गई। इस काव्य संध्या की अध्यक्षता देश के जाने माने गज़लकार श्री प्रेम किरण ने की। श्री सुरेंद्र की काव्य प्रतिभा पर टिप्पणी करते हुए श्री प्रेम किरण ने कहा कि वह अत्यंत श्रेष्ठ साहित्यकार जिनकी रचनाएँ दर्शन और अध्यात्म से ओत प्रोत है। इस कार्यक्रम का संयोजन श्री कमलनयन श्रीवास्तव ने किया। श्री साहित्य कुंज की संस्थापिका और कविवर सुरेंद्र की सुपुत्री श्रीमती मनीषा सहाय सुमन ने सभी सम्मानित कवि-कवयित्रियों का स्वागत किया और उनका आभार व्यक्त किया। इस काव्य संध्या में डा. गोरख प्रसाद मस्ताना, श्री मधुरेश नारायण, डा. आरती, मो. नसीम अख्तर, प्रो. डा. सुधा सिन्हा, श्रीमती अमृता सिन्हा, श्रीमती रूबी भूषण, डा. प्रणव पराग, मो. आसिफ़ वारसी समेत दर्जन भर कवि-कवयित्रियों ने कविवर को अपनी काव्य-श्रद्धांजलि अर्पित की। आसिफ़ वारसी ने कहा.. हिंदी करती है बहोत इज्ज़त सुरेन्द्र नाथ की/उर्दू को भी याद है अज़मत सुरेन्द्र नाथ की. प्रणव पराग ने कहा- हे दिव्य लोक के रचयिता, हम करते हैं सादर वंदन/ शांति दूत, रक्षा बंधन अनुपम अद्भुत है स्पंदन. श्री प्रेम किरण ने कहा ठोकरें खाकर भी हमने की हिफ़ाज़त आपकी/कुछ तो है पासे रवायत कछ हिदायत आपकी. इस अवसर पर कविवर सुरेन्द्र के काव्य ग्रंथ दिव्य लोक और रक्षा बंधन का लोकार्पण भी किया गया।

Categories:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *