50 गांव के लोग प्रभावित
गिरिडीह / गिरिडीह जिले के जमुआ प्रखंड के लाताकी नदी पर बने पुल का आधा हिस्सा धंस गया है। 2 माह बीत जाने के बावजूद भी ना ही सरकार संज्ञान में लिया है और ना ही पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने इस पुल के बीचो-बीच स्थित एक पिलर दो महीने पहले 4 फिट नीचे चला गया और दूसरा पिलर भी 2 फिट निचे चला गया है । जिसके कारण पुल की उतरी सतह का आधा भाग भी तीन फीट नीचे जा चुका है जो कभी भी धराशाई हो सकता है। बता दें की घटिया क्वालिटी के साथ पुल निर्माण और पुल के पिलर के नीचे से लगातार बालू उत्खनन की बात सामने आ रही है। हादसे की संभावना को देखते हुए प्रशासन के द्वारा इस पुल से आवाजाही पर रोक लगा दी है लेकिन 2 महीने बीत जाने के बाद जब कुछ नहीं हुआ तो लोग इसी टूटे हुए पुल से आना जाना अपनी जान को जोखिम में रखकर कर रहे हैं lऔर पुल के दोनों छोर पर जेसीबी से मिट्टी का ढेर लगाकर लाल झंडे की निशानी लगा दी है। स्थिति यह है कि इस टूटे पुल से लोग अपनी जान को जोखिम में राखकर पास कर रहे हैं। यह पुल कभी भी जमीन दोज हो सकती है इस पुल के क्षतिग्रस्त होने से लगभग 50 से अधिक गांवों का प्रखंड व जिला मुख्यालय से संपर्क बाधित हो गया है।