लोयाबाद क्षेत्रीय अस्पताल को वेल्फेयर बोर्ड के सदस्यों की टीम द्वारा मंगलवार को जायजा लिया गया

लोयाबाद । सिजुआ क्षेत्र के लोयाबाद क्षेत्रीय अस्पताल को वेल्फेयर बोर्ड के सदस्यों की टीम द्वारा मंगलवार को जायजा लिया गया। टीम के सदस्यों ने अस्पताल के संसाधनों और कमियों को देखा।चिकित्सकों से इस संबंध में जानकारी ली।टीम के सदस्यों ने पीएमई विभाग, ओपीडी, पैथोलॉजी विभाग, एक्सरे विभाग, बिजली पानी की व्यवस्था, एक्सरे व इसीजी मशीन को देखा एंबुलेंसों की कागजातों की जांच की। चिकित्सक डॉ पुष्पांजलि नाग और डा अनुज कुमार ने टीम के सदस्यों को बताया कि इस अस्पताल में मात्र वही दोनों चिकित्सक हैं।ओपीडी में रोजाना चालीस से पचास रोगी इलाज कराने के लिए आते हैं। चिकित्सकों की कमी के कारण सभी तरह के रोगियों का इलाज यहां पर करना संभव नहीं हो पा रहा है।इस अस्पताल में कई सालों से मरिजों को यहां पर भर्ती नहीं किया जाता है। अस्पताल में नाक कान, स्त्री रोग, दांत, व हड्डी सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। यदि विशेषज्ञ चिकित्सकों को यहां पर पदस्थापित कर दिया जाए रोगियों को उपचार के लिए बाहर नहीं जाना पडेगा। पानी बिजली की काफी दिक्कत है। अस्पताल में पीने का पानी नहीं है। आरओ मशीन लगाया गया जो आज तक खराब पडा हुआ है।मशीन को बनाने के लिए कई बार शिकायतें की गई है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। बिजली जाने के बाद अंधेरे में लोग काम करते हैं। जो जेनरेटर यहां पर था उसे दुसरी जगह भेज दिया गया है। जांच टीम के सदस्यों में संजीत कुमार सिंह ,  गंगा सागर राय ,  शत्रुधन महतो , अशोक साव ,  निताई महतो , एस दे  के आलावे  मुख्यालय के डिप्टी जीएम \ वेलफेयर राजीव कुमार , किरण रानी नाईक , ममता कुमारी ,मंजु शर्मा  आदि शामिल थे।

सिर्फ निरीक्षण होगा या सुधार भी होगा।


लोयाबाद क्षेत्रीय अस्पताल का सिर्फ निरीक्षण होगा या सुधार भी होगा। कभी बीसीसीएल के अधिकारीयों द्वारा तो कभी वेल्फेयर बोर्ड के सदस्यों द्वारा अस्पताल का किया जाता है। सभी लोग पत्रकारों से अस्पताल में सुधार लाने की बात करते हैं। लेकिन सुधार होता हुआ नजर नहीं आता। अस्पताल में न तो चिकित्सकों की कमी दूर की जाती है और न ही व्यवस्था में कोई सुधार किया जाता है। बाहरी दिखावे के लिए अस्पताल के टाइल्स लगा दिया गया है। ठिकेदार को सालों भर कुछ न कुछ काम करते हुए देखा जाता है। रोगी नहीं है लेकिन कंपनी के चार चार एंबुलेंस खड़ा रहता है। अब देखना है कि वेल्फेयर बोर्ड के सदस्यों की टीम के निरीक्षण के बाद अस्पताल में सुधार के लिए कौन कौन सा कदम उठाया जाता है।

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