।संवाददाता तुषार शुक्ला
लखीमपुर खीरी/ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद युवराज दत्त महाविद्यालय इकाई के कार्यकर्ताओं ने छात्रसंघ चुनाव एवं विभिन्न शैक्षिक समस्याओं के संदर्भ में प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा कालेज की छात्र सूरज ने बताया कि कॉलेज में स्वच्छ पेयजल एवं शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है कक्षाओं में लाइट की व्यवस्था नही है कॉलेज की लापरवाही के चलते एडमिशन प्रक्रिया अभी तक चल रही हैं कोर्स कंप्लीट नहीं हुआ है और सेमेस्टर प्रणाली के चलते परीक्षाएं भी नजदीक हैं इससे विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है, जिला संयोजक अमन गुप्ता ने बताया कि महाविद्यालय में विगत वर्षों से पुस्तकालय में नई पुस्तकें नहीं आई हैं पुस्तकालय का अर्थ है कि जिसमें विद्यार्थी बैठकर अध्ययन करें लेकिन महाविद्यालय में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है पुस्तकालय में बैठकर अध्ययन करने पर रोक है, कॉलेज की वेबसाइट के नाम पर प्रवेश के समय 100 रुपय अधिक वसूले गए की वेबसाइट के माध्यम से विद्यार्थियों को ईलाइब्रेरी से अध्ययन करने का अवसर मिलेगा जिसकी अभी की व्यवस्था नही है विद्यार्थी परिषद की मांग है कि जल्द से जल्द पुस्तकालय में नई पुस्तकें आएं ईलाइब्रेरी की सुविधा विद्यार्थियों को मिले एवं छात्र संघ चुनाव के विषय पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाए या हम सभी छात्रों का लोकतांत्रिक अधिकार है जब कैंपस में शिक्षक संघ हो सकता है तो छात्रसंघ क्यों नहीं और अगर छात्र संघ को इसलिए नकारा जाए कि यह अनार्किस्म का अड्डा है तो अराजकता तो लोकसभा, विधानसभा, ब्लाक प्रमुख,प्रधानी के चुनावों में भी होती है तो क्या उनको बंद कर दिया जाता है इसलिए हमारी मांगों को प्रमुखता से ध्यान में रखकर विचार किया जाए अन्यथा या आंदोलन कालेज के सभी विद्यार्थियों का है और आगे भी हम सब विद्यार्थी कालेज कैंपस से जिलाधिकारी महोदय तक अपनी मांग को लेकर जाएंगे ।
इस मौके पर मुख्य रूप से अमन वर्मा,अजय पांडे,उमंग तिवारी ,विनीत,फैज़ुल अंसारी,सुधांशू ,नुखिल अभय,सत्यम यादव, वेद सिंह,आदित्य सिंह, दीपांशु वर्मा,लेखांक आदि दर्जनों विद्यार्थी उपस्थित रहे। -मांगों के बिंदु निम्न वत हैं 1. छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकार छात्र संघ चुनाव विगत वर्षों से महाविद्यालय में बंद है उसको पुनः बहाल किया जाए।
- कॉलेज की वेबसाइट के माध्यम से कालेज के विद्यार्थियों को ई लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाए एवं पुस्तकालय में नए सत्र की पुस्तके उपलब्ध कराई जाएं व परास्नातक के विद्यार्थियों को पुस्तकालय में ही बैठकर के अध्ययन करने की अनुमति प्रदान की जाए।