अशोक अग्रवाल की जयंती के अवसर पर सांप्रदायिकता का नया दौर विचार गोष्ठी संपन्न

धनबाद| झरिया| झरिया पीस एंड जॉय स्कूल में जनवादी लेखक संघ की ओर से अशोक अग्रवाल की जयंती के अवसर पर सांप्रदायिकता का नया दौर विचार गोष्ठी संपन्न किया गया इसकी अध्यक्षता डॉक्टर अजीज इम्तियाज ने की।

सर्वप्रथम   झरिया  कोल्ड फील्ड के योद्धा  अशोक अग्रवाल की तस्वीर पर एक एक साथियों ने पुष्प अर्पित किया और हम तुम्हें नहीं भूलेंगे अशोक अग्रवाल अमर रहे , शांति  सौहार्द के लिए अशोक बाबू को याद करते हुए ।

मुख्य वक्ता  गिरिडीह कॉलेज के  पोफेसर बलभद्र ने कहा राष्ट्रीय प्रतीकों के साथ छेड़छाड़ कर विकृत रूप में व्याख्या किया जा रहा जो सभी मीडिया में छाया हुआ यही है नया दौर  इसे संप्रदायिकता इसे संप्रदायिक से ही नहीं जोड़ा जा सकता यह फासिज्म हैं।

 उन्होंने काफी सामान्य शब्दों में सांप्रदायिकता का ऐतिहासिक विश्लेषण किया और नए दौर में सत्ता का नया चेहरा नई संवाददाता को बढ़ावा देने का तरीका और हथकंडा बनाया है। इसने दौर में धार्मिक  भावनाओं को राजनीति के रूप में पेश किया जा रहा है। मंदिर मस्जिद के  मुद्दों को विभाजनकारी शक्तियां हवा दे रही है।

आज वर्तमान समाज में भाईचारा या गंगा जमुना तहजीब पर सांप्रदायिक शक्तियों का हमला तेजी से किया जा रहा है  जिससे समाज में एक घृणित वातावरण पैदा हो रहा है

साथी अशोक अग्रवाल बहुमुखी  प्रतिभा व्यक्ति थे। आध्यात्मिक से लेकर समाज में बेहतर व्यवस्था के लिए उन्होंने अंत में सीपीआईएम की सदस्यता ली,आजीवन जनवादी लेखक संघ के सचिव रहे। उनकी आकस्मिक  निधन से झरिया कोल फील्ड के संघर्ष पर विशेष असर पड़ा है और ठहराव आ गया लेकिन उनकी जयंती पर पुन: संकल्प लिया गया कि उनके अधूरे काम को सांगठनिक तौर से आगे बढ़ाकर झरिया कोल फील्ड  शहर की बेहतरीन  लड़ाई को सफलतापूर्वक बनाने का संकल्प लोगों ने लिया।  वक्ताओं में प्रोफेसर नारायण चक्रवर्ती, विकास ठाकुर, भगवान दास, अशोक कुमार ,सुरेश पासवान, गौतम प्रसाद ,नंदलाल बावरी, डॉ इकबाल हुसैन, मोहम्मद जियाउर रहमान ,राजकुमार  यूनुस,शिव बालक पासवान,डा यूनुस फिरदौसी

तथा अन्य ने भी अपनें विचार रखें|

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