सरायकेला | एक शांत कमरा, ढेर सारी किताबें, कई लोगों की उपस्थिति, फिर भी कमरे में कोई शोर नही.—यहां बात हो रही है सरायकेला प्रखंड अंतर्गत मुरूप गांव स्थित अर्जुन पुस्तकालय की।उक्त पुस्तकालय ग्रामीण प्रतिभाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए खुद को अद्यतन करने में सार्थक और महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।विस्तृत जानकारी देते हुए पुस्तकालय अध्यक्ष हेमसागर प्रधान ने बताया कि यह पुस्तकालय प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे मुरुप एवं आस पास के ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों को ज्ञान रूपी अमृत का रसपान करा रही है, कई विद्यार्थी इस ज्ञान रूपी अमृत का रसपान कर अपने सुनहरे भविष्य की स्थाई नींव भी रख चुके है। आगे श्री प्रधान ने बताया कि पुस्तकालय में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए सभी तरह की पुस्तकें उपलब्ध है।उन्होंने आगे बताया कि “व्यक्ति के ज्ञान को विस्तार देने के लिए पुस्तकालय बहुत ही उपयोगी माध्यम है”– .इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए उक्त पुस्तकालय में विभिन्न प्रतियोगिता परिक्षापयोगी पुस्तकें एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता हेतु श्री सीमेंट प्लांट ,बुरुडीह अंतर्गत श्री फाउंडेशन ट्रस्ट,स्थानीय समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों का अवर्णनीय सहयोग रहा है।साथ ही उक्त पुस्तकालय के अतिरिक्त क्षमता वर्धन हेतु किये गए पुस्तक संग्रह अभियान के तहत स्थानीय निवासियों का कभी न भुलाने वाला योगदान मिला है।श्री प्रधान ने पुनः कहा कि सभी वर्गों के सार्थक सहयोग की बदौलत अर्जुन पुस्तकालय क्षेत्र की प्रतिभाओं को निखरने का अवसर प्रदान कर रही है।उन्होंने क्षेत्र एवं आस पास के युवा विद्यार्थियों को अर्जुन पुस्तकालय में उपलब्ध प्रतियोगिता परीक्षा के लिए उपयोगी पुस्तकों का निशुल्क अध्ययन करने का आग्रह किया है। मौके पर शिक्षक धर्मेंद्र प्रधान,देवदत्त,माधव, शिबू ,नरेश,विकास, देवाशीष, मृत्युंजय, निरंजन, धनंजय , आशीष, संतोष , दीपक,महादेव, अभिषेक समेत कई विद्यार्थी उपस्थित थे|