वनभूमि को रैयती बताकर भूमाफियाओं ने बलरामपुर में करोड़ों लपेटा
गम्हरिया। वन भूमि को रैयती बताकर भूमाफियाओं ने पहले प्लॉटिंग किया, फिर लाखों लपेट लिया। यह सनसनीखेज मामला बलरामपुर मौजा में वन विभाग की मापी के बर्फ उजागर हुई है। वन विभाग की ओर से भूमाफियाओं को चिन्हित कर एफआईआर की तैयारी में है। बताया गया कि गम्हरिया क्षेत्र में वनभूमि एवं सरकारी खाते की जमीन को भूमाफियाओं ने बेचने का नायाब तरीका ढूंढ निकाला है। वन भूमि हो या सरकारी जमीन को बेचकर करोड़ों का वारा न्यारा करने वाला भूमाफियाओं को बलरामपुर मौजा में प्लाटिंग कर बेचना महंगा पड़ा। वनभूमि को बेचने की शिकायत दुर्गा सोरेन सेना के जिलाध्यक्ष सन्नी सिंह ने डीएफओ समेत वरीय अधिकारियों से की थी। शिकायत के आलोक में डीएफओ आदित्य नारायण स्वंय बलरामपुर पहुंच कर मामले को सही पाया था। पिछले तीन दिनों से वन विभाग की ओर से चल रहे सर्वे एवं मापी में सोमवार को प्लॉटिंग की गयी करीब एक एकड़ से अधिक भूमि वन विभाग की निकली। इस संदर्भ में बताया गया कि भूमाफियाओं ने वन भूमि की 41 नम्बर प्लाट को 56 बताकर प्लॉटिंग कर दी थी। सर्वे में जब भूमि की जांच की गयी तो वह 41 निकला। बताया गया कि यहां 12 से 15 लाख रुपये कट्ठा जमीन की कीमत तय कर बेचने का मामला सामने आने पर वन विभाग ने कार्रवाई शुरू की है।
”डीएफओ के आदेश पर विगत तीन दिनों से बलरामपुर वन क्षेत्र का प्लेन टेबल सर्वे कराया गया। जिस भूमि की शिकायत की गयी थी, सर्वे में वह रैयती नहीं, बल्कि वन विभाग का निकला है। उसकी प्लॉटिंग कर बेचने वालों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। ”प्रकाश चंन्द्रा, रेंजर, सरायकेला।
”बलरामपुर क्षेत्र में भूमाफियाओं ने दर्जनों एकड़ वन विभाग की जमीन को बेच दी है। इसमें करोड़ों की राशि के बटोरने का मामला सामने आया है। इस मामले की शिकायत के आलोक में जब जांच की गयी तो वह विभाग के अधिकारियों ने मामला सही पाया है। भूमाफियाओं को सलाखों तक पहुंचाने तक दुर्गा सोरेन सेना का संघर्ष जारी रहेगा।” सन्नी सिंह, जिलाध्यक्ष, दुर्गा सोरेन सेना, सरायकेला।