कीर्तनियों और रागी जत्थे ने संगतों को किया निहाल
सिंदरी / पंकज कुमार वाल्मीकि/ सिख संगत द्वारा सिंदरी गुरुद्वारा में शुक्रवार 15 अप्रैल को श्रद्धा और उत्साह के साथ खालसा स्थापना दिवस व बैसाखी पर्व मनाया गया. इस अवसर पर गुरुद्वारा की पालकी को फूलों से सुसज्जित किया गया. गुरुद्वारा साहिब को भी आकर्षक बिजली बत्तियों से सजाया गया था. अन्य समाज के लोगों ने भी नतमस्तक होकर गुरु साहब का आशीर्वाद प्राप्त किया।सर्वप्रथम मुख्य ग्रंथी बलबीर सिंह द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब में चल रहे पाठ का भोग डाला गया. इसके बाद निशान साहिब की सेवा कर दीवान सजाया गया. गुरु घर के कीर्तनियों एवं रानीगंज से आए रविंद्र सिंह के जत्थे ने गुरु की इलाही बाणी के मधुर कीर्तन से संगतों को निहाल कर दिया. अंत में श्रद्धालुओं के लिए गुरु के लंगर का आयोजन किया गया।गुरुद्वारा प्रधान डॉक्टर स्मृति नागी ने बताया कि बैशाखी तक रबी की फसलें कट जाती हैं. इसी खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है. इसके अलावा 13 अप्रैल 1699 को सिख पंथ की स्थापना हुई थी. इस मौके पर मोहन सिंह, ओंकार सिंह, बलबीर सिंह नागी, मनजीत सिंह उप्पल, प्रेम सिंह, कुलबीर सिंह, जगदेव सिंह, जगदीश सिंह, बलबीर सिंह, जसप्रीत सिंह, जगजीत सिंह, लख जीत सिंह, सुरेंद्र पाल सिंह, जोगिंदर सिंह, इंदरजीत सिंह, हरदीप सिंह, हरपाल सिंह आदि मौजूद थे।